औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। बिहार विधानसभा में सत्तारूढ़ दल के सचेतक, कुटुम्बा के कांग्रेस विधायक व मगध विश्वविद्यालय के सीनेटर राजेश कुमार ने मगध यूनिवर्सिटी प्रशासन पर विश्वविद्यालय के कार्यक्रमों में सीनेट के सदस्यों का आमंत्रित नही करने की नई परिपाटी शुरू करने का आरोप लगाया हैं।
श्री कुमार ने औरंगाबाद में विश्वविद्यालय की शाखा खोले जाने के अवसर पर शहर के सच्चिदानंद सिंहा कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में खुद को सीनेट के सदस्य के रूप में आमंत्रित नही करने को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि बिहार विधानसभा के 9 सदस्यों को मगध विश्विद्यालय में सीनेट का सदस्य नामित किया गया है। इसमें वें भी एक सदस्य है।
औरंगाबाद में आयोजित कार्यक्रम में उनमें से किसी को भी आमंत्रित नहीं किया गया। सीनेट के वरिष्ठ सदस्यों में पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी, पूर्व मंत्री व पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ. प्रेम कुमार तक को आमंत्रित नहीं किया गया। कार्यक्रम में स्थानीय जनप्रतिनिधियों- जिला परिषद अध्यक्ष एवं प्रखंड प्रमुख को भी संभवतः आमंत्रित नहीं किया गया। यहां अपने आप में एक प्रश्न यह भी खड़ा है कि आखिर किन परिस्थितियों में कार्यक्रम के लिए अलग-अलग तरह का आमंत्रण पत्र छपा? क्या यह विश्वविद्यालय की नई परंपरा है? उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा शुरू की गई इस तरह की परंपरा बेहद निंदनीय है। इसकी वें घोर भर्त्सना करते है। वें इसकी शिकायत कुलाधिपति सह राज्यपाल से भी करेंगे। साथ ही सीनेट की बैठक में भी इस मुद्दे को उठाएंगे।