औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। औरंगाबाद के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव प्रणव शंकर, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी शुकुल राम एवं अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी संतोष कुमार ने रविवार को औरंगाबाद अनुमंडल क्षेत्र में पदस्थापित सभी थानाध्यक्षो के साथ बैठक की।
बैठक में आगामी 11 फरवरी को अयोजित होनेवाले राष्ट्रीय लोक अदालत की सफलता हेतु थानाध्यक्षो को अपने स्तर से मामलों के चिंहित कर लोक अदालत के प्रति जागरूक कर अधिक से अधिक मामलों का निष्पादन करवाने हेतु प्रेरित किया गया। बैठक में सचिव ने थानाध्यक्षो को कहा कि प्राधिकार ने विभिन्न न्यायालयों में लंबित सुलहनीय वादों की सूची थानावार तैयार की है। सूची आपलोगो को उपलब्ध करायी जा रही है। इनमे बहुत सारे ऐसे मामले है, जो दशकों पुराने है। इनको थोड़ा प्रयास कर खत्म किया जा सकता है। इसमे आपकी भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। इन मामलो में पक्षकारों से संपर्क स्थापित कर उन्हें प्रोत्साहित करें कि मामलों को खत्म कर भाईचारा, प्रेम का वातावरण और विवाद मुक्त समाज बनाने में प्रशासन का सहयोग करें। साथ ही आप अपने थाना स्तर पर ध्यान दें कि लोक अदालत के संबंध में निर्गत नोटिस पक्षकारों तक समयानुसार पहुंच जाये। आप राष्ट्रीय लोक अदालत की सफलता में महत्वपूर्ण कड़ी हैं। लोक अदालत की सफलता हेतु थानाध्यक्ष अपने स्तर से भी लोगो को जागरूक करें। इसमे स्थनीय स्तर के जनप्रतिनिधियों के साथ साथ अधीनस्थ कर्मचारियों की भी मदद प्राप्त कर पक्षकारों को उनके वादों को राष्ट्रीय लोक अदालत में निस्तारण करवाने हेतु जागरूक करें।
बैठक में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी शुकुल राम ने थानाध्यक्षो को कहा कि लोक अदालत से संबंधित जितनी भी नोटिस न्यायालय और प्राधिकार से भेजी जा रही है, वे नोटिस ससमय पक्षकारों तक पहुंचे, इसकी निगरानी स्वयं थानाध्यक्ष खुद करेंगे तो नोटिस तामिला समय से हो जाएगा। थानाध्यक्ष राष्ट्रीय लोक अदालत की सफलता और वादों को राष्ट्रीय लोक अदालत में निस्तारण हेतु खुद लोगो को प्रेरित करे तो राष्ट्रीय लोक अदालत में रिकॉर्ड वादों का निस्तारण हो जाएगा। साथ ही थाना क्षेत्र छोटे मोटे विवाद से मुक्त भी होगा। इससे लोगो मे राष्ट्रीय लोक अदालत के प्रति जागरूकता आएगी। साथ ही पुलिस की छवि लोगो के बीच विवाद सुलझाने में सहायक वाली होगी। बैठक में यह भी निर्देश दिया गया कि थानाध्यक्ष अपने इलाके के जनप्रतिनिधियों को बुलाकर लोक अदालत के संबंध में उन्हें जागरूक करें, ताकि वह अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर अन्य लोगों को भी लोक अदालत के लिए जागरूक कर अपने गांव मुहल्ले को विवाद मुक्त बनाये।