रामनरेश पांडेय दूसरी बार बने सीपीआई के राज्य सचिव

बांका के धोरैया में सीपीआई का चार दिवसीय राज्य सम्मेलन सम्पन्न, नई राज्य कमेटी गठित

पटना(लाइव इंडिया न्यूज18 ब्यूरो)। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी बिहार राज्य परिषद का 24 वां राज्य सम्मेलन शहीद कॉमरेड वासुदेव यादव नगर धोरैया में 18 से 21 सितंबर तक हर्ष उल्लास के माहौल में 21 सितंबर को समाप्त हो गया। सम्मेलन में नई राज्य परिषद और कंट्रोल कमीशन का चुनाव सर्वसम्मति से किया गया।

सभा को सम्बोधित करते राम नरेश पांडेय

नई राज्य परिषद की पहली बैठक में सर्वसम्मति से पूर्व विधायक कॉमरेड रामनरेश पांडे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नए राज्य सचिव चुने गए। बैठक की अध्यक्षता कामरेड राजेंद्र प्रसाद सिंह ने की। इस मौके पर पर्यवेक्षक के तौर पर पार्टी के राष्ट्रीय सचिव कॉमरेड अतुल कुमार अंजान, राष्ट्रीय सचिव रमेंद्र कुमार, राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य कामरेड नागेंद्र नाथ ओझा मौजूद थे।

प्रतिनिधि सत्र में ओमप्रकाश नारायण द्वारा प्रस्तुत राजनीतिक रिपोर्ट, प्रमोद प्रभाकर द्वारा प्रस्तुत राजनीतक समीक्षा रिपोर्ट और राजेंद्र प्रसाद सिंह द्वारा प्रस्तुत सांगठनिक रिपोर्ट सर्वसम्मति से पारित हुआ।

सम्मेलन को राष्ट्रीय सचिव रमेंद्र कुमार,राज्य सचिव रामनरेश पांडेय, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य जानकी पासवान, राज्य कार्यकारिणी सदस्य व पूर्व विधान पार्षद संजय कुमार आदि नेताओं ने संबोधित किया।


सम्मेलन में कई प्रस्ताव भी पारित किया गया। सम्मेलन में बाढ़ सूखा पर प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया।जिसमें
कहा गया है कोशी, कमला, बागमती सहित उत्तर बिहार, मध्य बिहार और दक्षिण बिहार की नदियों पर डैम तथा चेक डैम का निर्माण किया जाय ।

बिहार के नदियों से सिल्ट और गाद को हटाने की कार्य योजना बनायी जाय । बिहार में बाढ़ तथा सुखाड़ के स्थायी समाधान हेतु विस्तृत कार्य योजना बनायी जाय और इसके लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया जाय सोन नदी पर डैम का निर्माण किया जाय ।

अल्पसंख्यक पर हो रहे हमले के खिलाफ भी प्रतिवेदन पेश किया गया।प्रतिवेदन में कहा गया है कि सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वाली ताकतों के खिलाफ राज्य सरकार कठोरता से निजी मदरसों का निबंधन किया जाय तथा स्वीकृत मदरसों के कर्मियों को नियमित भुगतान किया जाय। पलायन और बेरोजगारी पर भी प्रतिवेदन पास किया गया।

प्रतिवेदन में कहा गया है कि निजीकरण की नीति वापस लो ।बिहार में बड़े पैमाने पर खाद्य प्रसंस्करण उद्योग स्थापित करो लघु-कुटीर उद्योग को पुनर्जीवित करो।सरकारी- अर्द्धसरकारी संस्थानों के रिक्त पदों पर बहाली किया जाए। निजीकरण की नीति वापस ली जाय, सरकारी और अर्द्ध सरकारी संस्थाओं के रिक्त पदों पर बहाली की जाए और केंद्र सरकार अग्नीपथ योजना वापस ली जाए। केंद्र केंद्र सरकार की जनविरोधी, समाज एवं राष्ट्र विरोधी नई शिक्षा नीति 2020 पर भी प्रस्ताव पारित किया गया और केंद्र सरकार से यह नई शिक्षा नीति वापस लेने की मांग की गई।

सम्मेलन में समान काम के लिए समान वेतन एवं पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने की भी मांग की गई।इससे संबंधित प्रस्ताव पारित किया गया।