जयपुर। राजस्थान यूथ बोर्ड द्वारा आयोजित महापंचायत में शामिल होने पहुंचे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने युवाओं में बढ़ती नशे की आदत को लेकर चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा- राजस्थान के कॉलेज और यूनिवर्सिटी में ड्रग एक बहुत बड़ी बीमारी के तौर पर सामने आ रहा है।
उन्होंने कहा- रात को हुक्का बार चलते हैं। जहां रात को 12 बजे लड़के-लड़कियां अंदर घुसते हैं। जो सुबह 7-8 बजे निकलते हैं। क्या करते हैं, बेवकूफ की तरह। वहां ड्रिंक भी करते हैं। डांस करते हैं। ड्रग्स भी लेते हैं। इनके खिलाफ प्रदेशभर में बड़ा अभियान शुरू कर दिया है।
CM ने कहा- कॉलेज के बाहर जो लड़कियों पर फबत्तियां करते हैं। मैं न इन मनचलों का इलाज करने का फैसला कर लिया है। जैसे थानों में हिस्ट्रीशीटर की हिस्ट्रीशीट खुलता है। जैसे एक बार किसी की हिस्ट्रीशीट खुल गई, फिर चाहे वह वह सुधर जाए। उस पर एक्शन नहीं होता। हिस्ट्रीशीट बंद नहीं होती है। ऐसे ही मनचलों के लिए भी हिस्ट्रीशीट की तरह एक कॉलम बना दिया जाएगा। उसी तरह मनचलों की फोटो लगाने की तैयारी कर रहा हूं। ताकि राजस्थान की बच्चियों सुरक्षित रहे।
युवा महापंचायत में पहुंचे CM गहलोत ने कहा- जब मैं पहली बार सांसद बना था। तब एक सांसद ने कहा कि अशोक तेरी खोपड़ी तो अभी से ही अनुभवी है। यहां कन्हैया कुमार की खोपड़ी में भी अभी से ही बुजुर्गों वाले अनुभव आ गए हैं। ये गॉड गिफ्ट है, कन्हैया कुमार सटीक बातें करते हैं।
इस दौरान CM गहलोत ने कन्हैया से सरकारी कार्यक्रम में भी राजनीतिक संवाद करने की बात कही। उन्होंने कहा- प्रधानमंत्री मोदी ने सभी मर्यादाएं तोड़ दी हैं। वह सरकारी कार्यक्रमों में राजनीति की बातें करते है तो फिर कन्हैया कुमार को भी छूट है। उन्होंने कन्हैया कुमार से कहा- अगली बार जब राजस्थान आओ, तब खुलकर राजनीतिक बात कर सकते हो।
पेपर आउट से हुई बदनामी
गहलोत ने कहा- कई बार अच्छे काम करने के बावजूद बदनामी हो जाती है। REET के लिए हमने शानदार व्यवस्था की। अचानक पेपर आउट हो गया। इससे जो कुछ भी अच्छे काम हमने किए थे। उन पर पानी फिर गया। जबकि पेपर तो देश के हर राज्य में आउट हो रहे हैं। हमने तो पेपर आउट करने वालों के खिलाफ सख्त कानून बना उन्हें उम्र कैद की सजा का प्रावधान रखा है।
मैं बनना चाहता था डॉक्टर
CM गहलोत ने कहा- कोटा में जो आत्महत्या हो रही है। वह दुखद और चिंता का विषय है। आठ महीने में 20 बच्चों ने सुसाइड कर लिया। मैं बचपन में डॉक्टर बनना चाहता था। रात को दो-तीन बजे तक पढ़ता था, लेकिन कामयाब नहीं हुआ। मैंने हिम्मत नहीं हारी। रास्ता बदला। सोशल वर्कर बना। राजनीति में आया और आज आपके सामने हूं। परिवार को भी चाहिए कि बच्चों पर दबाव नहीं डाले। जो बनना चाहते हैं, बनने दें। सबका फिक्स है कि किसको क्या करना है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं सीएम बनूंगा, केंद्रीय मंत्री बनूंगा, लेकिन सब पद मुझे मिले। बच्चों पर इतना दबाव है, यह गंभीर हालत है। उनकी काउंसिलिंग अच्छे से होनी चाहिए।
महापंचायत में पहुंचे NSUI के राष्ट्रीय प्रभारी व jnu छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने कहा- हमारे देश की 55% आबादी नौजवान है। जबकि राजस्थान की 28% आबादी नौजवान है। 72 साल की उम्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद को युवा मानते हैं। अगर इसी आंकड़े को सही माने। तो हमारे देश की 95% आबादी नौजवान हो जाएगी।
उन्होंने कहा- मैं भले ही राजनीतिक व्यक्ति हूं। आज यहां राजनीतिक बात नहीं करूंगा। फिर भी मेरी बातों में लोग राजनीति ढूंढ ही लेते हैं। जैसे राजस्थान में सरकार विवेकानंद जी के नाम से हर जिले में हॉस्टल बनाने जा रही है। केंद्र सरकार उन्हीं हॉस्टल पर 18% जीएसटी वसूलेगी। यह अपने आप में राजनीति हो जाएगी।
मेरा मानना है, यूथ अपने आप में सबसे अलग होता है। अंग्रेजी में एक फ्रेज है। ‘ Age is number, Young is feeling’ उम्र अपने आप में सिर्फ एक संख्या है। युवा होना एक एहसास है। एक ऐड आप लोगों ने जरूर सुना होगा, यह दिल मांगे मोर। यही युवा होने का एहसास है। युवा होने का एहसास यही होता है कि कम में हमारा काम नहीं चलने वाला है। हम सर्दी भी ज्यादा महसूस करते हैं। गर्मी भी हमें ज्यादा महसूस होती है। यही नौजवान होने का लक्षण है। नौजवान यूं ही किसी की बात नहीं मानता है।
वहीं, कन्हैया कुमार ने कहा- हमारे देश का एजुकेशन सिस्टम पूरी तरह से बिगड़ चुका है। धीरे-धीरे एजुकेशन आम लोगों की बहुत से काफी दूर हो गई है। जिन गरीब बच्चों के लिए हॉस्टल बनाए जा रहे हैं, उसी पर सरकार 18 प्रतिशत जीएसटी लगा रही है। इसका मतलब यही है कि गरीबी बचाने के नाम पर बड़े-बड़े पोस्टर तो लगा दिए गए। गरीबों को और ज्यादा गरीब बना दिया गया है। इसलिए अब वक्त आ गया है कि हम अपनी नीतियों को नीयत साफ रखकर ही बनाए। नौजवान का मतलब हर चीज को ज्यादा महसूस करना होता है। हम इश्क भी ज्यादा करते हैं। हमें गुस्सा भी ज्यादा आता है। हमको भूख भी ज्यादा लगती है। हम सोते भी ज्यादा है। अगर कोई गाना पसंद आ जाए। तो हम गाने भी ज्यादा लगते हैं। पसंद आने पर हम सिर्फ भारत का गाना ही नहीं बल्कि, कोरियन गाना भी सुन लेते हैं।
एजुकेशन पॉलिसी पर हो मंथन- सीपी जोशी
युवा महापंचायत में पहुंचे विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी ने कहा- किसी भी पॉलिसी का इंप्लीमेंट करने का काम देश में पार्लियामेंट्री डेमोक्रेसी में चुने हुए प्रतिनिधि करते हैं। ऐसे में नई युवा नीति के साथ युवाओं को पॉलिटिकल एजुकेट करने का काम करना भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि आज हाथ का काम करने वाला तो कमा रहा है। एजुकेशन लेने वाले एग्जाम देते हैं। लेकिन 12 लाख में से सिर्फ 66 हजार सिलेक्ट होते है। बाकी बेरोजगार ही रह जाते हैं। ऐसे में एजुकेशन पॉलिसी पर भी बात होनी चाहिए।