नई दिल्ली। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को थीम आधारित टूरिस्ट सर्किट ट्रेन ‘भारत गौरव’ शुरू करने की घोषणा करते हुए कहा कि भारतीय रेलवे भारत की सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए थीम आधारित ‘भारत गौरव ट्रेनें’ चलाएगा।
एक प्रेसवार्ता में मीडिया को संबोधित करते हुए, उन्होंने कहा कि इन ट्रेनों से पीएम मोदी के भारत और दुनिया के लोगों को भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत व भव्य ऐतिहासिक स्थल दिखाने का विजन साकार करने में सहायता मिलेगी।
आगे जोड़ते हुए उन्होंने कहा कि पर्यटन क्षेत्र के पेशेवरों की मुख्य क्षमता टूरिस्ट सर्किट्स के विकास एवं पहचान और भारत की व्यापक पर्यटन संभावनाओं के दोहन के लिए विषय आधारित ट्रेनें चलाने में सहायक होगी।
उन्होंने कहा कि थीम आधारित टूरिस्ट सर्किट ट्रेनों के लिए 3,033 कोचों की पहचान की गई है और लगभग 190 ट्रेनों को आवंटित किया गया है। ट्रेनों का संचालन निजी क्षेत्र और आईआरसीटीसी दोनों द्वारा किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ट्रेनों का यात्री किराया टूर ऑपरेटरों द्वारा तय किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ओडिशा, राजस्थान, कर्नाटक और तमिलनाडु जैसी राज्य सरकारों ने इन ट्रेनों में रुचि दिखाई है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसके लिए आवेदन मंगाए जाने शुरू किए जा रहे हैं। स्टेकहोल्डर्स इन ट्रेनों का नवीनीकरण करेंगे और चलाएंगे जबकि रेलवे इन ट्रेनों को रखरखाव, पार्किग और अन्य सुविधाओं को मुहैया कराएगा। मंत्री ने लोगों से इसे नियमित ट्रेन सेवा के रूप में नहीं देखने को कहा।
उन्होंने आगे कहा कि पर्यटन क्षेत्र के पेशेवरों की मुख्य ताकत का उपयोग भारत की विशाल पर्यटन क्षमता का दोहन करने के लिए पर्यटन सर्किटों को विकसित तथा पहचानने और थीम-आधारित ट्रेनों को चलाने के लिए किया जाएगा। यह ट्रेनें भारत की संस्कृति, विरासत को प्रदर्शित करने वाली थीम पर आधारित होंगी। उन्होंने कहा कि सेवा प्रदाता सिख संस्कृति के महत्वपूर्ण स्थानों को कवर करने के लिए गुरु कृपा ट्रेन, भगवान श्री राम से जुड़े स्थानों के लिए रामायण ट्रेनों आदि जैसी थीम तय करने के लिए स्वतंत्र होंगे।
सेवा प्रदाता पर्यटकों को रेल यात्रा, होटल आवास, दर्शनीय स्थलों की व्यवस्था, ऐतिहासिक व विरासत स्थलों की यात्रा, टूर गाइड आदि सहित सभी समावेशी पैकेज प्रदान करेगा। रेल मंत्री ने कहा कि सेवा प्रदाता थीम के आधार पर कोचों के इंटीरियर डिजाइन और सुसज्जित करने के लिए स्वतंत्र होंगे। ट्रेन के अंदर और बाहर दोनों जगह ब्रांडिंग और विज्ञापन की अनुमति होगी। ट्रेन की संरचना 2 एसएलआर (गार्ड वैन) सहित 14 से 20 डिब्बों की होगी।
रेल मंत्री ने कहा कि सेवा प्रदाताओं के लिए एक पारदर्शी सरल ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया है। इसका पंजीकरण शुल्क एक लाख रुपए होगा। उपलब्धता के अधीन सभी पात्र आवेदकों को कोचों का आवंटन होगा। रेक सुरक्षा के लिए एक करोड़ प्रति रेक जमा कराने होंगे। इसके लिए व्यक्तिगत, पार्टनरशिप फर्म, कंपनी, सोसाइटी, ट्रस्ट, जेवी और कंसोर्टियम (अनिगमित व निगमित) पात्र हैं। उपयोग का अधिकार अवधि 2-10 वर्ष होगी।
कार्य क्षेत्र:
– सेवा प्रदाता सिख संस्कृति के अहम स्थलों को कवर करने के लिए गुरु कृपा ट्रेन, भगवान श्रीराम से जुड़े स्थानों के लिए रामायण ट्रेन आदि जैसे विषय निर्धारित करने के लिए स्वतंत्र होंगे
– सेवा प्रदाता पर्यटकों को रेल यात्रा, होटल विश्राम, दृश्य देखने की व्यवस्था, ऐतिहासिक व विरासत स्थलों का भ्रमण, टूर गाइड आदि सहित सभी समावेशी पैकेज की पेशकश करेगा
– प्रदान की जाने वाली सेवाओं के स्तर पर आधारित पैकेज की लागत निर्धारित करने के लिए पूरा लचीलापन
– ग्राहकों के लिए लग्जरी, बजट आदि विभिन्न खंडों के कोचों का विकल्प
– विषय आधारित कोचों के डिजाइन और आंतरिक साज सज्जा के लिए स्वतंत्र
– ट्रेन के भीतर और बाहर दोनों जगह ब्रांडिंग और विज्ञापन के लिए अनुमति
– ट्रेन संयोजन में 2 एसएलआर (गार्ड वैन) सहित 14 से 20 कोच शामिल होंगे
प्रक्रिया :
– एक स्टेप वाली आसान पारदर्शी ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया। पंजीकरण शुल्क मात्र 1 लाख रुपये
– सभी पात्र आवेदकों को कोचों का आवंटन उपलब्धता पर निर्भर है।
– रैक सिक्योरिटी डिपॉजिट टाइम और डेट के आधार पर प्राथमिकता दी जाएगी। रैक सिक्योरिटी डिपॉजिट 1 लाख रुपए प्रति रैक है।
– वैयक्तिक, भागीदार कंपनी, कंपनी, सोसायटी, ट्रस्ट, जेवी/ कंसोर्टियम (अनइन्कॉरपोरेटेड / इन्कॉपोरेटेड) पात्र हैं।
– सेवा प्रदाता के लिए अपना व्यावसायिक मॉडल तैयार करने की नीति में राइट टू यूज चार्जेस और हॉलेज चार्जेस अधिसूचित कर दिए गए हैं।
– राइट टू यूज अवधिः 2-10 वर्ष।
ग्राहक सहायता:
– सेवा प्रदाता को सहायता और इस योजना के सुगम कार्यान्वयन के लिए क्षेत्र में ग्राहक सहायता इकाइयां शुरू कर दी गई हैं।
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