औरंगाबाद(लाइव इंंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। जिला विधिक सेवा प्राधिकार, औरंगाबाद के तत्वावधान में चल रहे आजादी का अमृत महोत्सव के तहत शुक्रवार को महिला सशक्तिकरण पर विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का उद्घाटन प्राधिकार के अध्यक्ष सह जिला जज मनोज कुमार तिवारी, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह सचिव प्रणव शंकर तथा अन्य न्यायिक पदाधिकारियो ने दीप प्रज्जवलित कर किया। राष्ट्रीय महिला आयोग एवं प्राधिकार के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम जिले की महिला शिक्षकों, आशा कार्यकर्ताओं, आंगनबाड़ी की सेविका एवं सहायिकाओं ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन पैनल अधिवक्ता अभिनन्दन कुमार ने किया। कार्यक्रम में प्राधिकार के सचिव ने कार्यक्रम के उद्देश्यों पर विशेष रूप से प्रकाश डाला। इसके बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ब्रजेश कुमार पाठक एवं दिनेश कुमार प्रधान ने महिलाओं के सशक्तिकरण, प्रखर हिस्सेदारी एवं महिला कानून पर विशेष रूप से प्रकाश डाला। वही अध्यक्षीय भाषण में जिला जज ने कहा कि कल ही महिलाओं ने अभी निर्जला व्रत छठ किया गया है। यह व्रत महिलाएं खुद के लिए नहीं कर परिवार, संतान और समाज के लिए करती हैं। ऐसा कठिन व्रत महिलाएं बहुत ही उत्साहपूर्ण माहौल में कर लेती हैं क्योंकि उनमें क्षमता होती है। अगर वे अपनी क्षमताओं का प्रयोग समाज की भलाई एवं सुधार में लगाए तो समाज नि:संदेह अच्छा होगा। जरूरत है आप लोगो के जागने की। जिला जज ने कहा कि आप जिस प्रोफेशन में हैं, वहां कार्य के लिए वेतन मिलता है परन्तु आपका दायित्व सिर्फ आपके अपने कार्य तक ही सीमित नहीं है बल्कि आपने समाज को आपने क्या दिया, इसके लिए भी आपको सोचना होगा और जब आप यह सोचेंगी तो अवश्य ही आप सब समाज के लिए करेंगीं।
वही अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश दिनेश कुमार प्रधान ने कहा कि आपको अपने बच्चो के प्रति भी देखरेख करनी होगी। आज के जमाने में बहुत से अपराध जिनमें इंटरनेट की महती भूमिका है, उससे अपने बच्चों को बचाना होगा। साईबर क्राईम से होने वाले अपराध को छुपाना नहीं है और न ही डरने की जरूरत है। आगे आकर उससे मुकाबला करने की जरूरत है। कानून तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकार आपके हर कदम में साथ रहेगा। टेक्निकल सत्र को सम्बोधित करते हुए महिला परियोजना पदाधिकारी कान्ति सिंह एवं स्नेहलता ने महिलाओं को घरेलू हिंसा, महिलाओं से सम्बन्घित अपराध, एवं वन स्टोप सेन्टर के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई। वहीं अभिनन्दन कुमार ने जिला विधिक सेवा प्राधिकार के कार्य एवं उद्देश्य पर महिलाओं को जानकारी उपलब्ध कराई। वहीं शहर की प्रख्यात महिला चिकित्सक सह सामाजिक कार्यकार्ता डॉ. शोभा रानी ने कहा कि महिलाओं को जरूरत है सशक्त और आत्मनिर्भर बनने की। जीवन में कई ऐसी घटनाएं देखी हैं, जहां महिलाओं को सशक्त एवं आत्मनिर्भर नहीं होने के कारण उनसे जुड़ी कई स्वास्थ्य समस्याओं का समाघान का फैसला वे खुद नहीं कर दूसरे के फैसले पर निर्भर रहती हैं। जरूरत है इसे बदलने की। यह तभी संभव है जब महिलाएं सशक्त होने के साथ-साथ आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ायें। कार्यक्रम में प्रश्नोतर सत्र में महिलाओं से जुड़े कई सवालों के जबाव उपस्थित गणमान्य लोगों ने दिया।