एनपीजीसी प्लांट में चोटिल हुए मजदूर के इलाज से प्राइवेट अस्पतालों ने खड़े किये हाथ, मौत, यूनियन ने दिलाया मुआवजा

नबीनगर(औरंगाबाद)(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। एनपीजीसी बिजली परियोजना के तहत पावरमैक कंपनी में कार्यरत एक मजदूर की दुर्घटना में गंभीर चोट आने के बाद निजी अस्पतालों द्वारा इलाज से हाथ खड़े करने के बाद वाराणसी के बीएचयू ट्रामा सेंटर में मौत हो गई।

श्रमिक नेता और जाप के जिलाध्यक्ष धनंजय कुमार उर्फ भोला यादव ने बताया कि मृतक रेवती रमन मिश्रा मुजफ्फरपुर जिले के औराई का निवासी था। घायल हालत में इलाज के लिए लेकर कई हॉस्पिटल घूमे परंतु किसी भी प्राइवेट हॉस्पिटल ने भर्ती नहीं किया। समय पर इलाज नहीं होने के कारण मजदूर की मृत्यु हो गई। अंत समय में ट्रामा सेंटर वाराणसी ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। मजदूर की मौत के बाद इंटक मजदूर यूनियन, एनपीजीसी शाखा के अध्यक्ष वरुण सिंह एवं सचिव भोला यादव ने मृतक के परिजनों को मौके पर बुलाया और मृतक के परिवार को कंपनी की ओर से मुआवजा राशि 12 लाख एवं दाह संस्कार के लिए 1 लाख नगद सहयोग राशि दिलाया।

साथ ही कंपनी से मृतक के परिवार के एक सदस्य को नौकरी की मांग की। कहा कि कोविड-19 महामारी के वजह से दुर्घटनाग्रस्त लोगों को प्राइवेट हॉस्पिटल भर्ती न कर कर बहुत बड़ा अपराध कर रहे हैं। सरकार को ऐसे हॉस्पिटलों पर चिन्हित कर उन पर मुकदमा कर बंद करवा देना चाहिए। इस इलाके में जितने भी आसपास के बड़े हॉस्पिटल हैं, वे किसी भी काम के नहीं है। ऐसे हॉस्पिटल बुरे हालात में जब इंसान के काम नहीं आएंगे तो इनका क्या फायदा। वे एनपीजीसी से मांग करते है कि कोविड-19 महामारी में काम के दौरान अगर किसी को कोरोना होता है तो श्रमिक का इलाज का पूरा खर्चा श्रमिक के कंपनी द्वारा वहन किया जाए।