नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीन कृषि कानूनों की वापसी का एलान किसान संघर्ष की आधी जीत है। अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय महासचिव अतुल कुमार अनजान ने कहा कि खेती के कंपनी करण, कॉन्ट्रैक्ट खेती को कानूनी जामा एवं भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) की समाप्ति पर तीनों कृषि कानूनों की वापसी से रास्ता बंद हो जाएगा।
आवश्यक वस्तु अधिनियम को समाप्त करने की सरकारी मंशा को भी इस एक्टकी वापसी के बाद धक्का लगेगा। प्रधानमंत्री ने किसानों के उत्पाद का न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की कानूनी गारंटी, सीटू प्लस 50 के आधार पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा, बिजली बिल की वापसी आदि महत्वपूर्ण सवालों पर कुछ भी नहीं कहा। उक्त मांगों पर किसानों का संघर्ष जारी रहेगा।
संयुक्त किसान मोर्चा एवं अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति की बैठक शीघ्र ही दिल्ली में होगी और वहां आगे की रणनीति पर विचार होगा। प्रधानमंत्री द्वारा समिति किसानों की मांगों के संबंध में समिति गठित किए जाने पर इसके स्वरूप पर ही भी चर्चा होगी। इस बीच 28 नवंबर को सारे देश में इन चारों मांगों को लेकर मशाल जुलूस निकाला जाएगा।
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