लोदीपुर के उत्क्रमित मध्य विद्यालय का हाल, स्कूल में 300 से अधिक बच्चो का है नामांकन
प्राथमिक विद्यालय की दो शिक्षिकाएं ही आज भी मध्य विद्यालय में दे रही शिक्षा
बरामदे में एक ही जगह सभी क्लास के बच्चो की होती है पढ़ाई
गोह(औरंगाबाद)(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। शिक्षा के विकास को लेकर गोह के लोदीपुर गांव के प्राथमिक विद्यालय को 2011 में उत्क्रमित कर जब मध्य विद्यालय का दर्जा दिया गया तो लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। अभिभावकों को लगा कि अब उनके बच्चे गांव में रहकर ही आठवीं पास कर जाएंगे। इससे बालिका शिक्षा की रफ्तार में तेजी आने की उम्मीद जगी, लेकिन जल्द ही अभिभावकों और छात्र-छात्राओं के सपनो पर ग्रहण लगना शुरू हो गया।
विद्यालय को तो उत्क्रमित किया गया, लेकिन शिक्षकों की उस अनुपात में नियुक्ति नहीं की गई और न ही भवन तथा उपस्कर की व्यवस्था हुई। इसको लेकर उपहारा पंचायत के वार्ड नं-13 के वार्ड सदस्य चिराग कुमार ने डीएम को आवेदन दिया, लेकिन एक सप्ताह से अधिक समय बीत गया लेकिन कोई कार्रवाई नही हुई। जब छात्र छात्राओं की समस्या को लेकर वहां के लोगो से बात की गई तो लोगो ने कहा कि लोदीपुर गांव के स्कूल में न शिक्षक है, न भवन है तो कैसे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी। वही उपहारा पंचायत के सरपंच रामकुमार कहते है किलोदीपुर उत्क्रमित मध्य विद्यालय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का घोर अभाव है। इस विद्यालय में पढ़ने वाले आठवीं क्लास के बच्चों को पांचवी क्लास के बच्चों जैसा भी ज्ञान नहीं है। जरूरत है शिक्षकों की नियुक्ति किया जाए ताकि पढ़ने वाले बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके। लोदीपुर के समाजसेवी संजय कुमार कहते है कि लोदीपुर उत्क्रमित मध्य विद्यालय केवल नाम का विद्यालय रह गया है। यहां प्राथमिक विद्यालय के बच्चों जैसा भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल पाती है। इस कारण अभिभावकों को प्राइवेट स्कूल का सहारा लेना पड़ता है। इसकी शिकायत कई बार प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के पास की गई। 10 वर्ष बीत गए लेकिन आज तक विद्यालय का जांच नहीं हो सका।
लोदीपुर के सेवानिवृत शिक्षक चन्द्रदीप प्रसाद कहते है कि लोदीपुर मध्य विद्यालय को देखने से पता चलता है कि आज भी वह प्राथमिक विद्यालय ही है क्योंकि उत्क्रमित मध्य विद्यालय का दर्जा 2011 में ही मिला लेकिन आज तक भवन का निर्माण नहीं हो सका। इसके कारण इस स्कूल के प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक बच्चों को बरामदा में एक ही जगह बैठा कर शिक्षा देते हैं। इससे स्पष्ट है कि पहली क्लास से लेकर आठवीं क्लास के बच्चों को एक ही सब्जेक्ट पढ़ाया जाता हैं।कहती हैं प्रधानाध्यापिका-उत्क्रमित मध्य विद्यालय लोदीपुर की प्रधानाध्यापिका प्रेमन देवी बताती हैं कि विद्यालय में 300 से अधिक बच्चों का नामांकन है और मात्र एक अतिरिक्त शिक्षक यानी कुल 2 शिक्षिका इस विद्यालय में कार्यरत हैं। इसके कारण बच्चों को एक ही जगह बैठाकर पढ़ाना मजबूरी है। इसको लेकर कई बार प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराया गया लेकिन आज तक शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हुई। न ही भवन का निर्माण हुआ।