कवि-कवयित्रियों ने ऑनलाइन कवि सम्मेलन में काव्यों से किया रुठी वर्षा रानी को मनाने का प्रयास

औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। साहित्यिक संस्था साहित्य संवाद के पटल पर शनिवार को वर्षा रानी को समर्पित ऑनलाइन अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।

कवि सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए वरीय अधिवक्ता सिद्धेश्वर विद्यार्थी ने कहा कि वर्षा रानी को खुश करने से ही खेतों में खुशहाली आएगी। वही मुख्य अतिथि वरीय साहित्यकार अरविंद अकेला ने कहा कि वर्षा रानी को खुश किये बिना यह धरती हरित नहीं हो सकती। इसलिए सभी कवियों व कवयित्रियों को वर्षा रानी का आह्वान करना चाहिए। इस दौरान श्री अकेला ने कविता की इन पंक्तियों-जबसे आयी यह वर्षा रानी, रूत हो गयी बड़ी सुहानी, सुनाकर सबका मन मोह लिया। वरीय कवयित्री सुषमा सिंह के संचालन में आयोजित कवि सम्मेलन की अध्यक्षता सुरेंद्र प्रसाद मिश्र ने की। कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि साहित्य संवाद के अध्यक्ष शिव नारायण सिंह उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के संयोजक, वरीय शिक्षक व कवि श्रीराम राय ने कवि सम्मेलन की शुरुआत करते हुये कहा-घटा भी इंतजार में है, घड़ा भी इंतजार में है। श्री राम की यह रचना काफी सराही गयी। कवि सम्मेलन में विद्या शंकर अवस्थी पथिक(कानपुर), सुषमा सिंह(औरंगाबाद), डॉ ब्रजेन्द्र नारायण द्विवेदी ष्शैलेशष्(वाराणसी), अनुभव छाजेड़(पटना), बद्रीनाथ विश्वकर्मा- सवरिया(गोरखपुर), अमरनाथ सोनी अमर, डॉ. वीणा सिंह रागी, सुधीर श्रीवास्तव(गोंडा), हीरा सिंह कौशल, रामकेश यादव(मुंबई ), सुरेश विद्यार्थी(औरंगाबाद), संजय जैन, वीणा सिंह(मुंबई), राजेश तिवारी मक्खन(झांसी), गीता पांडेय अपराजिता(रायबरेली) एवं बृजबाला श्रीवास्तव(आजमगढ़) सहित देश के विभिन्न प्रांतों के दो दर्जन कवियों व कवत्रियों ने वर्षा रानी को मनाने के लिए अपनी-अपनी रचनाएं पढकर संपूर्ण वातावरण को काव्यमय बनाया। कवियों के काव्य पाठ के साथ ही संयोजक श्रीराम राय के द्वारा सम्मान पत्र से सम्मानित किया गया। अंत में साहित्य संवाद के सचिव सुरेश विद्यार्थी ने आगत अथितियों का धन्यवाद ज्ञापन किया।