औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। औरंगाबाद व्यवहार न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-6 सह स्पेशल पोक्सो कोर्ट के न्यायाधीश विवेक कुमार की अदालत ने गुरुवार को ढिबरा थाना कांड संख्या-06/17 में सुनवाई करते हुए तीन अभियुक्तों को भादवि की धारा 342, 366, 376 और पोक्सो एक्ट की धारा 4 के तहत दोषी करार देते हुए बंधपत्र विखंडित कर जेल भेज दिया।
वही अदालत ने अन्य अभियुक्तों-सैरूण निशा, शाहिदा खातून, वहीदा खातून, खतीजा खातून, मकसूद आलम और जमशेद आलम को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। स्पेशल पीपी शिवलाल मेहता ने बताया कि प्राथमिकी के अभियुक्त ढ़िबरा थाना के एक गांव के निवासी जहांगीर अंसारी, गुड्डन अंसारी एवं नूर हसन अंसारी को अपराध के लिए दोषी पाते हुए बंधपत्र विखंडित कर जेल भेज दिया है। सजा के बिंदु पर मामले की सुनवाई 30 मई को होगी।
अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि सूचक पीड़िता के भाई ने इन सभी अभियुक्तों पर 24 मार्च 2017 को अपहरण करने की बात प्राथमिकी में बताई थी। प्राथमिकी 13 अप्रैल 2017 को ढिबरा थाना में दर्ज कराई गई थी। पीड़िता के भाई ने बताया था कि पीड़िता दसवीं कक्षा की प्रायोगिक परीक्षा देने गई थी। वहीं से अभियुक्त अपहरण कर कोलकात्ता ले गये थे। दो दिन की खोजबीन के बाद अभियुक्तों का सुराग बंगाल में एक टेलर दुकान का मिला था। इसके बाद सूचक के परिजनों ने अभियुक्तों की घटना में संलिप्तता जानकर न्याय के लिए थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसी मामले में कोर्ट ने इन अभियुक्तों को दोषी करार दिया।