आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में बोले पीएम मोदी, कोरोना काल में भारत को मिला दुनिया का सहयोग

नई दिल्ली(विद्या भूषण शर्मा)। पीएम मोदी ने आज ब्रुनेई के सुल्तान हसनल बोलकिया के आमंत्रण पर 18वें दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों के संगठन आसियान-भारत सम्मेलन में वर्चुअल माध्यम से हिस्सा लिया। इस दौरान सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कोविड 19 महामारी के कारण हम सभी को अनेक चुनौतियों से जूझना पड़ा, लेकिन ये चुनौतीपूर्ण समय भारत आसियान मित्रता की कसौटी भी रहा। उन्होंने कहा कि आसियान की एकता और केन्द्रीयता भारत के लिए हमेशा एक महत्वपूर्ण प्राथमिकता रही है, कोरोना काल में आपसी सहयोग भविष्य में हमारे संबंधों को और मजबूती देगा।

भारत और आसियान के बीच गहरे सम्बन्ध

पीएम मोदी ने कहा कि इतिहास गवाह है कि भारत और आसियान के बीच हजारों साल से जीवंत संबंध रहे हैं। इनकी झलक हमारे साझा मूल्य, परम्पराएं, भाषाएं, ग्रन्थ, वास्तुकला, संस्कृति, खान-पान आदि में दिखते हैं। इसलिए आसियान की एकता और केन्द्रीयता भारत के लिए सदैव एक महत्वपूर्ण प्राथमिकता रही है।

आसियान का आउटलुक साझा सहयोग का हिस्सा

पीएम मोदी ने कहा कि आसियान की केंद्रीय भूमिका भारत की एक्ट ईस्ट नीति का हिस्सा है और हमारी सुरक्षा और क्षेत्र में सभी के लिए विकास-सागर नीति में निहित है। उन्होंने कहा कि भारत की इंडो-पैसिफिक ओशन इनिशिएटिव और इंडो-पैसिफिक के लिए आसियान का आउटलुक इंडो-पैसिफिक में हमारी साझा विजन और सहयोग का हिस्सा हैं। पीएम मोदी ने कहा कि वर्ष 2022 में हमारी साझेदारी के 30 वर्ष पूरे होंगे। भारत भी अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे करेगा। मुझे बहुत खुशी है कि इस महत्वपूर्ण पड़ाव को हम ‘आसियान-भारत मित्रता वर्ष’ के रूप में मनाएंगे।

क्या है आसियान-भारत शिखर सम्मेलन ?

आसियान-भारत शिखर सम्मेलन प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है और यह भारत और आसियान को उच्चतम स्तर पर जुड़ने का अवसर प्रदान करता है। पीएम मोदी ने पिछले वर्ष नवंबर में वर्चुअली आयोजित 17वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में भाग लिया था। यह शिखर सम्मेलन भारत-प्रशांत में प्रमुख नेताओं के नेतृत्व वाला मंच है। वर्ष 2005 में इसकी स्थापना के बाद से, इसने पूर्वी एशिया के रणनीतिक और भू-राजनीतिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 10 आसियान सदस्य देशों के अलावा, पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भारत, चीन, जापान, कोरिया गणराज्य, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस शामिल हैं।

जानकारी के लिए बता दें कि भारत, पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन का संस्थापक सदस्य होने के नाते, पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन को मजबूत करने और समकालीन चुनौतियों से निपटने के लिए इसे और अधिक प्रभावी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

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