प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए बजट प्रावधानों के प्रभावी क्रियान्वयन पर एक वेबिनार को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा- भारत को स्वस्थ रखने के लिए हम 4 मोर्चों पर एक साथ काम कर रहे हैं। पहला मोर्चा है, बीमारियों को रोकने का यानि Prevention of illness और Promotion of Wellness, दूसरा मोर्चा, गरीब से गरीब को सस्ता और प्रभावी इलाज देने का, तीसरा मोर्चा है हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर और हेल्थ केयर प्रोफेशनल की Quantity और Quality में बढ़ोतरी करना और चौथा मोर्चा है समस्याओं से पार पाने के लिए मिशन मोड पर काम करना।
उन्होंने संबोधन की शुरुआत में कहा कि इस बार बजट के बाद हमने तय किया कि बजट में जो चीजें तय की गई हैं उन्हीं चीजों को लेकर के अलग-अलग सेक्टर जिनका इस बजट के प्रावधानों से सीधा संबंध है उनसे विस्तार से बात करें। 1 अप्रैल से जब नया बजट लागू हो तो उसी दिन से सारी योजनाएं भी लागू हों। फरवरी और मार्च का भरपूर उपयोग इस तैयारी के लिए किया जाए। हमारे पास करीब 2 महीने का समय है। उसका अधिकतम लाभ हम कैसे लें इसके लिए लगातार अलग-अलग क्षेत्रों के लोगों से बात हो रही है। कभी इंफ्रास्ट्रक्चर से संबंधित लोगों से तो कभी डिफेंस सेक्टर से संबंधित लोगों से बात हुई। आज हेल्थ सेक्टर के लोगों से बात करने का मौका मिला है।
हेल्थ सेक्टर को जितना बजट आवंटित किया गया है, वो अभूतपूर्व
पीएम मोदी ने कहा इस वर्ष के बजट में हेल्थ सेक्टर को जितना बजट आवंटित किया गया है, वो अभूतपूर्व है। ये हर देशवासी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
बीता वर्ष एक तरह से देश, दुनिया और पूरी मानव जात के लिए और खासतौर से हेल्थ सेक्टर के लिए अग्नि परीक्षा की तरह रहा था। मुझे खुशी है कि आप सभी व देश का हेल्थ सेक्टर इस अग्नि परीक्षा में सफल हुए हैं। अनेकों की जिंदगी बचाने में हम कामयाब रहे हैं। कुछ महीनों के भीतर ही देश ने करीब ढाई हजार लैब्स का नेटवर्क खड़ा किया। कुछ दर्जन टेस्ट से हम आज करीब 21 करोड़ टेस्ट के पड़ाव तक पहुंच पाए हैं। ये सब सरकार और प्राइवेट सेक्टर के साथ मिलकर काम करने से ही संभव हुआ है।
हमें सिर्फ आज ही महामारी से नहीं लड़ना बल्कि भविष्य में किसी भी स्थिति के लिए देश को तैयार करना है
उन्होंने कहा, कोरोना ने हमें यह सबक दिया है कि हमें सिर्फ आज ही महामारी से नहीं लड़ना है बल्कि भविष्य में आने वाली ऐसी किसी भी स्थिति के लिए भी देश को तैयार करना है। इसलिए हेल्थ सेक्टर से जुड़े हर क्षेत्र को मजबूत करना भी उतना ही आवश्यक है। मेडिकल इक्विपमेंट से लेकर मेडिसीन तक, वेंटिलेटर से लेकर वेक्सीन तक, साइंटिफिक रिसर्च से लेकर सर्विलांस इंफ्रास्ट्रक्चर तक, डॉक्टर से लेकर एपीडियोमोलोजिस्ट तक हमें सभी पर ध्यान देना है ताकि देश में भविष्य में किसी भी स्वास्थ्य आपदा के लिए बेहतर तरीके से तैयार रहें।
“पीएम आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना” के तहत देश में आधुनिक इको सिस्टम किया जाएगा विकसित
“पीएम आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना” के पीछे मूलत: यही प्रेरणा है। इस योजना के तहत रिसर्च से लेकर टेस्टिंग और ट्रीटमेंट तक देश में ही एक आधुनिक इको सिस्टम विकसित करना तय किया गया है। पीएम आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना हर सप्रेक्टम में हमारी क्षमताओं में वृद्धि करेगी। 15वें वित्त आयोग की सिफ़ारिशें स्वीकार करने के बाद हमारी लोकल बॉडीज को स्वास्थ्य सेवाओं की व्यवस्थाओं के लिए 70 हजार करोड़ रुपए से अधिक अतिरिक्त मिलने वाला है। यानी सरकार का जोर सिर्फ हेल्थ केयर में निवेश पर ही नहीं है बल्कि देश के दूर-दराज वाले इलाकों तक हेल्थ केयर को पहुंचाने का भी है।
हेल्थ सेक्टर में किया गया निवेश स्वास्थ्य ही नहीं बल्कि रोज़गार के अवसर भी बढ़ाता है
पीएम मोदी ने कहा, हमें यह भी ध्यान भी रखना है कि हेल्थ सेक्टर में किया गया निवेश स्वास्थ्य ही नहीं बल्कि रोज़गार के अवसर भी बढ़ाता है। कोरोना के दौरान भारत के हेल्थ सेक्टर ने जो मजबूती दिखाई, अपने अनुभव और शक्ति का प्रदर्शन किया, उसे दुनिया ने बहुत बारीकी से नोट किया है। आज पूरे विश्व में भारत के हेल्थ सेक्टर की प्रतिष्ठा और भरोसा एक नए स्तर पर पहुंचा है। हमें इसे ध्यान में रखते हुए भी अपनी तैयारी करनी है।