औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। बिहार की राजधानी पटना की वन साइडेड लवर पिंकी ने वैलेंटाइन वीक पर सूबे के डिप्टी चीफ मिनिस्टर तेजस्वी यादव को अपने लवर से शादी करने के लिए खुद को रोजगार देने की मांग करनेवाली चिट्ठी लिखकर औरंगाबाद के प्रभात बांधुल्य को सोशल मीडिया का आज का हीरो बना दिया है।
प्रियंका द्वारा लिखी गयी चिट्ठी ट्विटर समेत अन्य सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर सर्वाधिक ट्रेंड कर रहा है। हमने काफी प्रयास कर पिंकी के लवर प्रभात बांधुल्य को खोज निकाला। फिर उससे पिंकी के मुद्दे पर बाते की। प्रभात युवा है, साहित्यकार है, कलाकार है, एडवोकेट है और जिंदा दिल इंसान भी है। प्रभात की लिखी दो पुस्तके बेहद चर्चित रही है। एक “बनारस वाला इश्क” जो वामपंथ और दक्षिणपंथ की विचारधारा के युवक-युवती की प्रेम कहानी है। दूसरी “यू कैन कॉल मी काफिर” है। इसके अलावा “कलटू और मैना” नाम से एक उपन्यास भी लिखा है। उन्होंने चर्चित टीवी सीरियल निर्मात्री एकता कपूर के धारावाहिकों के लिए पटकथाएं भी लिखी है। प्रभात की एक शॉर्ट फिल्म “फिक्स रेट” भी आई है। इस फिल्म की कहानी बिहार के पंचायती राज सिस्टम की पोल खोलनेवाली है। यह फिल्म सिस्टम के करप्शन को दिखाती हुई बताती है कि बिना दो हजार का खाना(घुस) दिए पाखाना(शौचालय) तक नही बनता है। प्रभात की हाल में आई भोजपुरी फिल्म “लव स्टोरी ऑफ गाजीपुर” भी चर्चा में रही है।
मतलब प्रभात प्रेम में जीने वाले इंसान है और यह उनके व्यवहार में भी दिखता है। यही वजह रही कि प्रभात ने बात की शुरुआत करने से पहले ही मजाकिया अंदाज में कह दिया कि तेजस्वी जी को चिट्ठी लिखकर पिंकी तो हिट हो गई लेकिन उसने मुझे फंसवा दिया। अब उनकी असली वाली लवर नाराज हो गई है। आपसे बात कर जाते ही उसे मनाना है। प्रभात ने कहा कि वे पिंकी को नही जानते है लेकिन उसने मेरा नाम लेकर तेजस्वी को लिखे चिट्टी में जिस बेरोजगारी के दर्द को बयान किया है, वह उसकी तारीफ करते है। वह मेरे बहाने तेजस्वी तक पहुंचना चाहती है। तेजस्वी से उसे उम्मीदे है। उसकी उम्मीदे पूरी होनी भी चाहिए क्योकि यह उम्मीद सिर्फ पिंकी की नही पूरे बिहार के बेरोजगारो की है। पिंकी को पहले प्रेम की नही बल्कि रोजगार की जरूरत है। कहा कि वें औरंगाबाद से हैं और इसी औरंगाबाद ने उन्हे यहां की सभी छः की छ्ह विधानसभा सीटे दी है। उनके चुनावी कैम्पेन में वें भी शरीक रहे है। इस नाते औरंगाबाद के बेरोजगारों को तेजस्वी जी से कुछ ज्यादा ही उम्मीदे है। उन्हे उम्मीद है कि तेजस्वी औरंगाबाद ही नही पूरे बिहार के बेरोजगारों के अरमानों को पूरा करेंगे। उन्होने कहा कि तेजस्वी जी ने भी प्रेम विवाह ही किया है। इस नाते प्रेमियों की उम्मीद पूरा करना भी उनका नैतिक कर्तव्य बनता है। प्रियंका को वें बेरोजगारों का प्रतीक मान रहे है। इस नाते वें भी प्रियंका समेत उसके जैसे बिहार के तमाम बेरोजगारो को रोजगार देने की गुहार एक कलाकार के रूप में तेजस्वी से लगाएंगे। कहा कि मेरे लिए प्रियंका के प्रपोज के मायने नही है क्योकि मैं खुद रिलेशनशिप में हूं। इस कारण ऐसी कोई संभावना नही है।
प्रभात ने कहा कि मैं फिल्म और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री से जुड़ा हूं। बिहार में यह इंडस्ट्री नही है। इस कारण उन्हे भी रोजगार के लिए मुंबई जाना पड़ता है। वें चाहते है कि बिहार में भी फिल्म और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री डेवलप हो और इसकी उम्मीद उन्हे तेजस्वी जी से है। उन्होने कहा कि चूंकि यह मामला वैलेंटाइन वीक पर चर्चा में आया है। इस कारण युवाओं को उनकी सलाह है कि पार्टनर का चुनाव सुझबुझ कर कीजिएं। युवा भी खुद को पहले रोजी रोजगार पर फोकस करे। नौकरी के चक्कर में शादी की उम्र पार होने लगती है। इसलिए रोजगार पर भी ध्यान दे और अपने पैरों पर खड़ा हो जाएं तो शादी करे। रही बात तेजस्वी की तो वे युवा नेता है, युवाओं की उम्मीदे पूरा करेंगे और जबतक जीवन है मोहब्बत जिंदाबाद रहेगा और इश्क बना रहेगा। फिलहाल तो पिंकी की चिट्ठी और प्रभात बांधुल्य चर्चा में है।
गौरतलब है कि प्रियंका नाम की एक लड़की ने बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को एक चिट्ठी लिखी है। लड़की की ओर से लिखी गई चिट्ठी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। लड़की ने चिट्ठी में खुद को बेरोजगार बताया है। कहा है कि आपने तो अपने लव मैरिज कर लिया, लेकिन हमारे लव पर बेरोजगारी का अड़चन है। नौकरी का जुगाड़ लगाइए नहीं तो हमारे लव किसी और जुगाड़ के साथ फरार हो जाएंगे। चिट्ठी में उसने अपने प्यार का जिक्र किया है। लड़की का कहना है कि वो किसी लड़के से प्यार करती है, लेकिन उनकी शादी में बेरोजगारी अड़चन बनी हुई है।
यह है उस लड़की की लिखी चिट्ठी–
डियर तेजस्वी जी,
उप मुख्यमंत्री, बिहारआपको पता है हम बड़ी टेंशन में हैं। आप तो लव मैरेज कर लिये लेकिन हमर मैरेज पर बेरोजगारी का अड़चन लगल है। हम चार साल से प्रभात बांधुल्य संग वन साइडेड अफेयर में हैं। अफेयर के उमर में करेंट अफेयर पढ़ रहे हैं। सोचे थे नौकरी लगेगा तो परपोज करेंगे, लेकिन नौकरी तो लगने से रहा। एक तो भैंकेंसी नहीं आता है और भैंकेंसी आता भी है तो पेपरे लीक हो जाता है। ई सब देखते देखते लगता है इहो वैलेंटाइन अइसहीं पार हो जाएगा और हम परपोज भी ना कर पाएंगे। हम उधर कंपटीशन की तैयारी में लगल हैं और बाबू जी मने मन हमारे बियाह की तैयारी में। हमारी सब सहेली लोग का तो बच्चा भी हो गया है बियाह के बाद। मन बड़ी मायूस हो रहा है ई सब सोच सोच के। बड़ी उम्मीद से चिट्ठी लिख रहे हैं, नौकरी का जुगाड़ लगवाइए नहीं तो लेखक साहब किसी और जुगाड़ के साथ फरार हो जाएंगे। प्यार बिना नौकरी लेके क्या करेंगे।
आपकी वोटर और लेखक प्रभात बांधुल्य की वन साइडेड लवर पिंकी (फ्रॉम पटना)।