पटना(लाइव इंडिया न्यूज18 ब्यूरो)। कोरोना संकट और देशव्यापी आर्थिक मंदी के बावजूद बिहार में प्रतिव्यक्ति आय सालाना 50 हजार के पार हो गयी। बिहार आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट-2021 – 22 के अनुसार वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान बिहार में प्रतिव्यक्ति आय 50,555 रुपये हो गई है। वर्ष 2019-20 के दौरान राज्य में प्रतिव्यक्ति आय 49,272 रुपये थी। इस प्रकार, एक वर्ष में कुल 1183 रुपये प्रतिव्यक्ति आय में बढ़ोतरी हुई। शुक्रवार को उप मुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में आर्थिक सर्वेक्षण पेश करने के बाद विधान परिषद एनेक्सी में प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी।
सर्वेक्षण के अनुसार वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान राष्ट्रीयस्तर पर प्रतिव्यक्ति आय 86,659 रुपये रही। उप मुख्यमंत्री ने बताया कि कृषि एवं सहायक क्षेत्रों में वृद्धि के कारण राज्य का आर्थिक विकास हुआ है। गत पांच वर्षों में (2016-17 से 2020-21 तक) बिहार में प्राथमिक क्षेत्र 2.3 फीसदी, द्वितीयक क्षेत्र 4.8 फीसदी और तृतीयक क्षेत्र सर्वाधिक 8.5 फीसदी वार्षिक दर से बढ़ा।
बिहार का साख-जमा अनुपात झारखंड से अधिक रहा:
बिहार में पहली बार बैंकों का साख-जमा अनुपात (सीडीआर) 50 फीसदी के पार हो गया। वित्तीय वर्ष 2021-22 के तृतीय तिमाही की 31 दिसंबर, 2021 तक की रिपोर्ट के अनुसार बिहार का सीडीआर 50.1 फीसदी हो गया। बिहार में सीडीआर 2019-20 के 36.1 फीसदी से बढ़कर 2020-21 में 41.2 फीसदी हो गया था, जबकि संपूर्ण भारत के स्तर पर यह 76.5 फीसदी से घटकर 71.7 फीसदी रह गया था। इस दौरान एनपीए में भी कमी आई है। बिहार में वर्ष 2020-21 के दौरान बैंकों की 270 नई शाखाएं खोली गईं। सर्वाधिक 115 शाखाएं भारतीय स्टेट बैंक ने खोलीं, जबकि 92 बैंक शाखाएं निजी बैंकों व 52 शाखाएं अन्य राष्ट्रीयकृत बैंकों की खोली गईं। बिहार का साख-जमा अनुपात झारखंड से अधिक रहा, वहीं, उत्तर प्रदेश से मात्र 2 फीसदी कम रहा।
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