टीबी मुक्त बिहार बनाने के लिए समाज के हर वर्ग के लोगों की सहभागिता जरूरी : डॉ. नरेश

  • ट्यूबरक्लोसिस को लेकर प्रखंड स्तर पर बैठक हुई सम्पन्न
  • रैली के माध्यम से लोगों को किया जा रहा जागरूक

बक्सर। राज्य सरकार व स्वास्थ्य समिति ट्यूबरक्लोसिस(टीबी) को जड़ से खत्म करने के लिए पूरी तरह से कटिबद्ध है। 2025 तक बक्सर समेत पूरे राज्य को टीबी से मुक्त किया जा सके इसे लेकर जिले में 24 मार्च को जिला से लेकर पंचायत स्तर पर कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। जिसकी जिम्मेदारी सभी प्रखंड के प्रभारी स्वास्थ्य चिकित्सकों को दी जा चुकी है। इस क्रम में सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर बैठक कर कार्यक्रम को सफल बनाने के साथ साथ नए टीबी मरीजों की खोज के लिए कार्ययोजना भी बनाई गई है।

अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सह जिला यक्षमा पदाधिकारी डॉ. नरेश कुमार ने बताया राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) की सफलता के लिए पूरे जिले में ‘टीबी हारेगा, देश जीतेगा’ अभियान चलाया जा रहा है। कार्यक्रम की सफलता के लिए विभाग ने मार्च महीने को जन आंदोलन के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इसके तहत जिला से प्रखंड स्तर पर कई गतिविधियों का भी आयोजन किया जा रहा है।

टीबी के कारण व लक्षण की दी गई है जानकारी :

एसीएमओ डॉ. नरेश कुमार ने कहा टीबी को जड़ से मिटाने के लिए हमें समेकित प्रयास की जरूरत है। उन्होंने बताया कि प्रखंड स्तर पर आयोजित बैठक में लोगों को टीबी के कारण और लक्षण के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी है। साथ ही, उनसे टीबी के लक्षण दिखते ही सरकारी अस्पताल में मरीजों को रेफर करने की अपील की गई। बैठक में टीबी उन्मूलन के लिए रूपरेखा तैयार की गई। जिसमें नए टीबी मरीजों की खोज तथा उनके तुरंत उपचार पर बल दिया गया। इस दौरान 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने का निर्णय लिया गया है। साथ ही, टीबी के संबंध में अधिक से अधिक लोगों को जागरूक करने के लिए जन आंदोलन अभियान चलाया जाएगा। जिसके तहत सभी प्रखंड में टीबी पर एएएनएम तथा टीबी चैंपियन के साथ नए मरीजों की खोज की जाएगी। जिसके बाद टीबी रोगियों का जल्द से जल्द उपचार शुरू किया जा सके।

सरकारी अस्पतालों में है मुफ्त जांच की सुविधा :

डॉ. नरेश कुमार ने बताया जिले सभी पीएचसी, सीएचसी समेत अन्य स्वास्थ्य संस्थानों में टीबी की जांच के लिए सरकार द्वारा मुफ्त जांंच की सुविधा बहाल की गई है । जहां कोई भी संदिग्ध व्यक्ति निःशुल्क जाँच करा सकते हैं। जांच के साथ निःशुल्क दवाई भी दी जाती है जो जांच सेंटर पर ही उपलब्ध है। इतना ही नहीं, इसके अलावा मरीजों को उचित खान-पान के लिए आर्थिक सहायता राशि भी दी जाती है। वहीं, उन्होंने बताया कि टीबी उन्मूलन को सफल बनाने के लिए टीबी रोगी खोज अभियान के तहत भी मरीजों की चिह्नित कर उन्हें सरकारी सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। ताकि शत-प्रतिशत मरीजों को सरकार की सुविधा का लाभ मिल सके । एमडीआर टीबी के मरीजों की जांंच ट्रूनेट मशीन से की जाएगी। यह मशीन बैट्री चालित और पोर्टेबल है जो टीबी की जांच में काफी सहायक है। इस मशीन की खासियत है कि इससे जांच करने में मात्र 90 मिनट ही लगते हैं। जिसके बाद ऑन द स्पॉट मरीजों को रिपोर्ट मिल जाएगी।

(Liveindianews18 को आप  फ़ेसबुकट्विटरइंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं। आप हमें Google News पर भी फॉलो कर सकते हैं।)