समस्तीपुर (अंकित गुप्ता)। समस्तीपुर में हुए नाव हादसे के बाद भी लोग सबक लेने को तैयार नहीं है। पिछले दिनों कई नाव हादसे का मामला सामने आया है। फिर भी लोग नाव को ओवरलोडेड कर सफर करते हुए नजर आए हैं। दर्शाए गए दृश्य में नामापुर और वॉटरवेज बांध के बीच की है, जहां पर लोग नाव पर क्षमता से ज्यादा लोग सवार हो रहे हैं। उनका परिचालन खुलेआम हो रहा है। इसके बावजूद प्रशासन की नजर नहीं पड़ती है।
उन्हें रोकने वाला कोई नहीं है और हादसे में लोगों की जान जा रही है। वहीं दूसरी तरफ हाल ही में नामापुर में नाव हादसा हुई थी। जिसमें 5 लोगों ने अपनी जान गवा दी थी, और कई लोग अभी भी लापता है, और कुछ खुशनसीब लोग तैरकर बाहर निकल आए।
वहां उपस्थित लोगों का कहना है वे प्रत्येक दिन शाम को चकमेहसी बाजार से नामापुर गांव के लोग सामान लेकर घर लौटते हैं वही घर में खाद्य सामग्री और अन्य उपयोगी समान भी बाजार से खरीद कर घर लौट रहे थे। इसी क्रम में शुक्रवार की शाम एक नाव पर 11 लोग सवार होकर घर लौट रहे थे, इसी बीच गहरे पानी में तूफान आ गई जिस वजह से नाव डूब गई। इसमें 4 लोगों को रेस्क्यू कर निकाला गया। जबकि 7 लोगों का पता नहीं चल पाया।
अंधेरा हो जाने के कारण खोजबीन करने में भी भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय नागरिक मुकुल कुमार मनी ने बताया की एसडीआरएफ की टीम से लगातार संपर्क किया गया है l बचने वालों में प्रमिला देवी, हीरा शाह, अवधेश और नीरज महतो ने बताया कि तेज हवा और बारिश के कारण पुल के समीप नाव अनियंत्रित होकर डूब गई। काफी अंधेरा होने के कारण गोताखोरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
वहीं मौके पर पहुंचे चकमेहसी थाना अध्यक्ष दल बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचकर खोज की जा रही है। लेकिन गंभीर बात यह है की इन हादसों के बाद भी लोग सबक सीखने को तैयार नहीं।लबालब नदियों में अपनी जान को जोखिम में डालकर नाव पर ओवरलोडिंग कर सफर कर रहे है, इन्हे कोई रोकने वाला भी नहीं है और इन पर प्रशासन की भी नजर नहीं पड़ती है।
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