इस इलाके में हो रही थी बड़े पैमाने पर अफीम की खेती, जानिए क्या है इसका नक्सलियों से कनेक्शन

औरंगाबाद। बिहार के औरंगाबाद जिले के देव प्रखंड के ढिबरा थाना क्षेत्र में पहाड़ी इलाके में की जा रही अफीम की खेती को पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर सात फरवरी को नष्ट कर दिया गया।

ढिबरा थाना क्षेत्र में छुछिया, ढाबी एवं महुआन में अवैध रूप से अफीम की खेती की जाने की सूचना पुलिस को मिली थी। एसपी स्वप्ना गौतम मेश्राम के निर्देश पर यहां छापेमारी की गई। एएसपी अभियान मुकेश कुमार, एसएसबी भलुआही के सहायक समादेष्टा रवि कुमार, थानाध्यक्ष प्रमोद कुमार, देव बीडीओ कुंदन कुमार सहित अन्य पुलिसकर्मी शामिल रहे। यहां करीब पांच एकड़ भूमि में अफीम की खेती की जा रही थी। जेसीबी मशीन की सहायता से इस पूरी खेती को नष्ट कर दिया गया। इस दौरान छुछिया गांव निवासी स्व. रामपति भोक्ता के पुत्र राजेंद्र भोक्ता को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

एसपी ने बताया कि इस इलाके में अवैध रूप से अफीम की खेती किए जाने की सूचना मिली थी जिसके बाद छापेमारी की गई। पूरी फसल को नष्ट कर दिया गया है। इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है। अफीम की कीमत करोड़ों रुपए बताई जा रही है। नक्सलियों के द्वारा खेती किए जाने की आशंका जताई गई है। इस इलाके में पुलिस की पहुंच नहीं होती है जिस वजह से नक्सली ग्रामीणों के सहारे खेती करैाते हैं। इसे पोस्ता की खेती का नाम देकर अफीम की खेती कराई जाती है।

Untitled design – 1

नक्सली इलाके में अफीम की खेती बड़े पैमाने पर होने की सूचना पूर्व में ही मिलती रही है। पूर्व में एसपी विवेक राज सिंह के नेतृत्व में दक्षिणी क्षेत्र में भारी मात्रा में अफीम की खेती को नष्ट किया गया था। अफीम की खेती में नक्सलियों की भूमिका होने का पता चला था। इससे करोड़ों रुपए की आय होती है।
सुरक्षाबलों ने अफीम की खेती को नष्ट कर दिया

मदनपुर थाना क्षेत्र में भी दो दिनों पूर्व सुरक्षाबलों ने अफीम की खेती को नष्ट कर दिया था। दक्षिणी उमगा पंचायत के बाद बादम गांव में करीब तीन एकड़ जमीन में अफीम की खेती की जा रही थी। सोमवार को मदनपुर की सीओ अंजू सिंह, राजस्व पदाधिकारी उदय प्रताप सिंह, थानाध्यक्ष शशि कुमार राणा की मौजूदगी में अफीम की खेती को नष्ट किया गया।