औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। औरंगाबाद के सांसद सुशील कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सोमवार को यहां की समाधान यात्रा पर होनेवाली समीक्षा बैठक पर बड़ी बात कही है।
सांसद ने कहा कि यहां का सांसद होने के नाते अधिकारिक रूप से मुख्यमंत्री की समाधान यात्रा का आमंत्रण मिला है। आमंत्रण के लिए वे धन्यवाद देते है। सांसद के रूप में मेरी उपस्थिति लोकसभा के चालू बजट सत्र में अनिवार्य है। मेरी पार्टी भाजपा ने अपने सभी सांसदों को बजट सत्र में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने के लिरा व्हिप जारी किया है। मेरे लिए व्हिप का पालन करना सरकार के हित में और दल हित में जरूरी है। इस कारण मुख्यमंत्री की औपचारिक समीक्षा बैठक में मैं शामिल नही हो पाउंगा। यदि यहां रहने पर मैं समीक्षा बैठक में शामिल होता ताे, इस बारे में मेरा मानना है कि 35 मिनट की बैठक में कोई काम नही हो सकता है।
मुख्यमंत्री के तय कार्यक्रम के अनुसार नीतीश कुमार कल 2.55 में समीक्षा बैठक में आएंगे और 3.40 में हवाई मार्ग से प्रस्थान कर जाएंगे। किसी भी सरकारी बैठक में 10 मिनट तो परिचय की औपचारिकता पूरा करने में ही बीत जाता है। ऐसे में समीक्षा के लिए मात्र 35 मिनट का समय शेष बचता है। शेष 10 मिनट तो सीएम को बैठक से निकल कर हैलीपैड तक जाने में लग जाएंगा। ऐसे में यह सहज ही समझा जा सकता है कि 25 मिनट में किन-किन मुद्दो और विषयों पर समीक्षा होगी। यह समीक्षा के नाम पर सिर्फ कोरम पूरा करना होगा। औरंगाबाद में जितनी समस्याएं है, उसकी समीक्षा के लिए पूरे दिन की जरूरत है। मुख्यमंत्री पूरा दिन बैठते, तब जाकर सभी बिंदुओं और मुद्दो पर सही मायने में समीक्षा होती। कहा कि मुख्यमंत्री की समाधान यात्रा पर करोड़ो करोड़ रूपये खर्च हो रहे है लेकिन जनता की किसी समस्या का समाधान नही हो रहा है। यह यात्रा सरकारी खर्चें पर तफरीह मात्र है और जनता का इससे कोई भला नही होनेवाला है।
औरंगाबाद में सीएम की समाधान यात्रा में समीक्षा बैठक पर सांसद ने कही बड़ी बात, कहा-35 मिनट में कितने बिंदुओं पर हो पाएंगी चर्चा
औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। औरंगाबाद के सांसद सुशील कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सोमवार को यहां की समाधान यात्रा पर होनेवाली समीक्षा बैठक पर बड़ी बात कही है।
सांसद ने कहा कि यहां का सांसद होने के नाते अधिकारिक रूप से मुख्यमंत्री की समाधान यात्रा का आमंत्रण मिला है। आमंत्रण के लिए वे धन्यवाद देते है। सांसद के रूप में मेरी उपस्थिति लोकसभा के चालू बजट सत्र में अनिवार्य है। मेरी पार्टी भाजपा ने अपने सभी सांसदों को बजट सत्र में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने के लिरा व्हिप जारी किया है। मेरे लिए व्हिप का पालन करना सरकार के हित में और दल हित में जरूरी है। इस कारण मुख्यमंत्री की औपचारिक समीक्षा बैठक में मैं शामिल नही हो पाउंगा। यदि यहां रहने पर मैं समीक्षा बैठक में शामिल होता ताे, इस बारे में मेरा मानना है कि 35 मिनट की बैठक में कोई काम नही हो सकता है।
मुख्यमंत्री के तय कार्यक्रम के अनुसार नीतीश कुमार कल 2.55 में समीक्षा बैठक में आएंगे और 3.40 में हवाई मार्ग से प्रस्थान कर जाएंगे। किसी भी सरकारी बैठक में 10 मिनट तो परिचय की औपचारिकता पूरा करने में ही बीत जाता है। ऐसे में समीक्षा के लिए मात्र 35 मिनट का समय शेष बचता है। शेष 10 मिनट तो सीएम को बैठक से निकल कर हैलीपैड तक जाने में लग जाएंगा। ऐसे में यह सहज ही समझा जा सकता है कि 25 मिनट में किन-किन मुद्दो और विषयों पर समीक्षा होगी। यह समीक्षा के नाम पर सिर्फ कोरम पूरा करना होगा। औरंगाबाद में जितनी समस्याएं है, उसकी समीक्षा के लिए पूरे दिन की जरूरत है। मुख्यमंत्री पूरा दिन बैठते, तब जाकर सभी बिंदुओं और मुद्दो पर सही मायने में समीक्षा होती। कहा कि मुख्यमंत्री की समाधान यात्रा पर करोड़ो करोड़ रूपये खर्च हो रहे है लेकिन जनता की किसी समस्या का समाधान नही हो रहा है। यह यात्रा सरकारी खर्चें पर तफरीह मात्र है और जनता का इससे कोई भला नही होनेवाला है।
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