कोरोना का नहीं दिखा डर, उद्याचल सूर्य को अर्घ्य अर्पण के साथ कार्तिक छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान संपन्न

औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। लोक आस्था के चार दिवसीय महापर्व कार्तिक छठ पर राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय चेतावनी के बावजूद लोगों में कहीं भी कोरोना का डर नहीं दिखा और उद्याचल सूर्य को अर्घ्य अर्पण के साथ ही यह व्रत शनिवार को संपन्न हो गया।

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इसके पूर्व शुक्रवार की शाम विश्व प्रसिद्ध सौर तीर्थ स्थल देव समेत जिले के विभिन्न हिस्सों में नदियों एवं तालाबों में व्रतियों ने अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को पहला अर्घ्य प्रदान किया।

वही कोविड प्रोटोकाॅल का पालन करने वालों ने अपने घरों में ही अर्घ्य दिया। शनिवार की सुबह उगते सूर्य को दूसरा अर्घ्य देने के साथ छठ पर्व का चार दिनी अनुष्ठान संपन्न हो गया।

अनुष्ठान संपन्न होने के बाद व्रतियांें ने पारण कर ठेकुआ का प्रसाद बांटा। अस्ताचलगामी एवं उदयाचल सूर्य को क्रमशः पहला व दूसरा अर्घ्य अर्पित करने के लिए गांव-देहात से लेकर शहर के छठ घाटों, तालाबों, पोखरों में आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा।

कोरोना संक्रमण से बचने तथा प्रशासन की अपील पर लाखों व्रतियों ने अपने घरों की छतों पर ही सूर्य को अर्घ्य प्रदान किया।

दोपहर बाद ही छठ घाटों की ओर बढ़ने लगे कदम-

शुक्रवार को दिन चढ़ने के साथ ही व्रतियों में अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य प्रदान करने के लिए उत्साह चरम पर पहुंच चुका था। दोपहर 1 बजे के बाद से ही दूर-दराज के व्रतियों के कदम छठ घाटों, तालाबों और पोख्ररों की ओर बढ़ने शुरू हो गये। शाम होते ही घाट व्रतियों से पट गये। घरों की छतों का माहौल भी पूरी तरह से उत्सवी हो गया।


छठी मइया के गीत गा रहे रहे थे व्रती-

सर्वत्र माहौल पूरी तरह से भक्तिमय दिखा। व्रती पारंपरिक छठ गीतों मारबऊ रे सुगवा धनुष से, चलआ छठी माई के घाट, हे छठि माई, हे छठि माई, हम हई इहां परेदेश में, आईल छठि के बरत… केरे उठाई माथे सुपवा, दउरवा, केरे करत घाट भराई…पटना के घाट पर हमहं अरगिया देबई हे छठी मइया… कांच के बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाए..होख न सुरुजदेव सहाय ..बहंगी घाट पहुंचाए..बाबा कांचे कांचे बंसवा कटाई दीह फरा फराई दीह..पटना के घटवा पर बाजे बजनवा..केलवा जे फरेले घवद से वोह पर सुगा मड़राए जैसे गीत गाते हुये जहां घाटों पर पहुंचे। वहीं इन गीतों को गाते हुये घर वापस आये। डीजे और लाउडस्पीकरों पर छठी मइया के ये सभी गीत बज रहे थे।