राज्य के सभी जिलों में खुलेगा ड्राइविंग स्कूल, बिना प्रशिक्षण के नही बनेगा डीएल
औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। कोरोना काल की समाप्ति के बाद बिहार के सभी सरकारी हाई स्कूलों में नवीं-दसवीं के छात्र-छात्राओं को स्पेशल क्लास के माध्यम से सड़क सुरक्षा और परिवहन नियमों की जानकारी दी जा सकती है। इसके लिए परिवहन विभाग द्वारा शिक्षा महकमें के साथ बातचीत कर योजना को कार्यरुप देने की तैयारी की जा रही है।
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यह घोषणा बिहार सरकार की परिवहन मंत्री शीला मंडल ने बुधवार को यहां स्थित इंडियन ट्रैफिक एंड ड्राइविंग रिसर्च इंस्टीट्यूट(आइटीडीआर) में ‘‘ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट सेंटर’’(एडीटीसी) का दीप प्रज्ज्वलित और फीता काट कर उद्घाटन के बाद संबोधन में की। श्रीमती मंडल ने कहा कि यह देश का सातवां और बिहार का पहला आइटीडीआर है, जहां सभी तरह के छोटे-बड़े वाहनों को चलाने का प्रशिक्षण दिया जाता है। उन्होने कहा कि ड्राइविंग का प्रशिक्षण बेहद जरुरी है क्योकि 70 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं चालकों की लापरवाही से होती है। इसलिए वाहन चलाने के लिए प्रशिक्षण लेना जरुरी है।
परिवहन मंत्री ने कहा कि सड़क हादसों में कमी लाने के लिए राज्य सरकार सभी जिलों में ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र खोलने की तैयारी कर रही है। इसके तहत पटना में वाहन टेस्टिंग प्रशिक्षण केंद्र बन रहा है। साथ ही राज्य सरकार ने निजी क्षेत्र को भी ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र खोलने का प्रस्ताव दिया है। इसके तहत जो लोग निजी ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र खोलना चाहते है, उन्हे सरकार 20 लाख तक की सहायता देगी।
उन्होने कहा कि औरंगाबाद जिलें में अब बिना प्रशिक्षण के कोई भी ड्राइविंग लाइसेंस निर्गत नही होगा और न ही राज्य के किसी भी हिस्सें में वाहनों में ओवरलोडिंग चलने दी जाएंगी। कहा कि राज्य सरकार ओवरलोडिंग के मामलें में सख्त है और पूरी सख्ती के साथ ओवरलोडिंग रोकने को लेकर राज्य भर में अभियान चलाया जा रहा है। अभियान में ओवरलोड वाहनों को पकड़ा जा रहा है और उन पर मोटा जुर्माना लगाया जा रहा है।
वही कार्यक्रम में परिवहन आयुक्त सीमा त्रिपाठी ने कहा कि परिवहन विभाग द्वारा वाहन चलाने के लिए प्रशिक्षण अनिवार्य किया जा रहा है। प्रशिक्षण पाने से लोग सड़क सुरक्षा के प्रति जागरुक होंगे। ऐसा होने से निःसंदेह सड़क दुर्घटनाओं में कमी आयेगी। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ग्रामीण परिवहन योजना के तहत 19 लाभुकों को ऑटो की प्रतीकात्मक चाबी दी गयी। इस दौरान औरंगाबाद के जिला परिवहन पदाधिकारी अनील कुमार सिंहा, मोटर यान निरीक्षक उपेंद्र राव, आइटीडीआर के निदेशक अमित गुप्ता एवं औरंगाबाद के बीडीओ आदि मौजूद रहे।