औरंगाबाद/रफीगंज/गोह(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। नेशनल इंवेस्टिगेटिंग एजेंसी(एनआइए) की टीम ने औरंगाबाद में प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के एक शीर्षस्थ नक्सली नेता समेत दो माओवादियों के आवासीय ठिकानों पर शनिवार को अहले सुबह छापेमारी की।
बताया जाता है कि दिल्ली से एनआइए की दो टीमें औरंगाबाद आई। इनमे से एक टीम औरंगाबाद के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी गौतम शरण ओमी को साथ लेकर मदनपुर, रफीगंज एवं कासमा थाना की पुलिस के साथ भाकपा माओवादी के शीर्षस्थ नक्सली पोलित ब्यूरो के सदस्य प्रमोद मिश्रा के रफीगंज प्रखंड के कासमा स्थित पैतृक आवास पर पहुंची। वहां टीम ने माओवादी नेता के आवास के कोने कोने की तलाशी ली। परिवार के सदस्यों से घर, जमीन, खेत, मकान, बैंक पासबुक एवं अन्य तरह की संपत्ति से जुड़े एक-एक कागजात की मांग की। उपलब्ध कराये गये कागजातों की एनआइए की टीम ने बारीकी से जांच की। इस दौरान टीम ने प्रमोद मिश्रा द्वारा जेल से छूटने के बाद अपने खेतों में बनाए गये प्रमोदाश्रम और खेतो में लगी फसल एवं उत्पादन की भी बारीक से बारीक जानकारी ली। छापेमारी के बाद एनआइए की टीम ने मामले की फाइंडिंग के बारे में कुछ भी बताने से इंकार किया।
छापेमारी दल में एनआईए टीम के इंस्पेक्टर मो. अफसर खान, एसआई मदनलाल, सिटी राकेश कुमार, सीआई धनजय चौधरी के अलावा स्थानीय पुलिस रही। जानकारी के अनुसार शनिवार की सुबह 6:30 बजे से 11:30 बजे लगभग 5 घंटे अधिकारियों के द्वारा छापेमारी की गई । इस दौरान एनआईए की टीम ने घर की संदूक अलमारी की चेन पलंग बॉक्स सहित अन्य सामानों की जांच की। प्रमोद मिश्रा के दोनों पुत्र सूचित मिश्रा और संजीत मिश्रा को पुलिस अभिरक्षा में रखा गया। तलाशी के दौरान टीम ने दो किताब अच्छे कम्युनिस्ट कैसे बने और यह जंगल हमारा है को जप्त किया।
तलाशी के दौरान बैंक अकाउंट, पैन कार्ड, आधार नंबर और मोबाइल नंबर सभी परिजनों को लिखकर अधिकारी ले गए हैं। सुबह जब एनआईए की टीम पहुंची तो प्रमोद मिश्रा के घर के चारों तरफ सीआरपीएफ एसटीएफ जिला पुलिस के करीब 60 से 70 जवानों ने घेर लिया था। इधर छापेमारी के बाद एनआईए टीम के जाने के बाद प्रमोद मिश्रा के पुत्र सूचित मिश्रा ने बताया कि जब किताब को पिताजी जेल में अध्ययन करते थे, और जेल से 9 साल के बाद निकलने के बाद किताब घर लाए थे । जो घर के बगल में चल रहे विद्यालय के लाइब्रेरी में मौजूद था।
3 वर्ष पूर्व हैदराबाद में केस के सिलसिले में निकलने की बात कह कर वह निकले थे, तभी से वह घर नहीं आए हैं और न ही उनसे संपर्क हो पाया है। उन्होंने बताया कि सरकार के विभिन्न एजेंसियों द्वारा समय-समय पर घर पर छापेमारी की जाती रही है। इधर मिली जानकारी के अनुसार एनआईए की टीम संपत्ति सहित अन्य मामलों की जांच को लेकर पहुंची थी बता दें कि हाल ही में मदनपुर के दक्षिणी इलाके के जंगलों में पुलिस नक्सली मुठभेड़ के में प्रमोद मिश्रा को आरोपित भी बनाया गया है। इधर परिजनों का कहना है कि पिताजी से कोई लेना-देना नहीं है। दुकान और खेती कर किसी तरह चला रहे हैं। बता दें कि एनआईए की टीम ने 30. 12.21 के केस संख्या आरसी / 05/21 के तहत छापेमारी की है।
छोपमारी के बाद श्री मिश्रा के पुत्र सूचित मिश्रा ने बताया कि एनआइए की टीम अहले सुबह करीब 6.30 बजे उनके घर पर आई। सर्च वारंट दिखाया। उन्होने टीम को सहयोग किया और घर की तलाशी लेने दी। टीम ने तलाशी के दौरान पूरे घर के सारे सामानों को इधर उधर कर दिया। कई तरह की बाते पूछी, जिसका उन्होने जवाब दिया। उन्होने कहा कि प्रमोद मिश्रा के नाम पर हमारे परिवार को तंगोतबाह किया जा रहा है। कभी इडी, कभी क्राइम ब्रांच तो कभी एनआइए की टीम घर पर रेड करती है। परिवार को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रही है। जब उनके पिता जेल से छूटने के बाद यहां आश्रम बनाकर रह रहे थे। वें एक साल तक यहां रहे लेकिन उस दौरान सरकार की कोई एजेंसी नही आई। जब वे यहां से चले गये तो अब सरकार की कई तरह की एजेंसियां बार बार घर पर छापेमारी कर परिवार को प्रताड़ित कर रही है।
उनके पिता अभी कहां और किस हाल में है, इसका उन्हे कुछ भी पता नही है। पुलिस और सभी एजेंसियां उनके पिता के यहां रहने या जेल में रहने के दौरान उनसे बात करती तो उन्हे कुछ जानकारी भी मिलती। हमे जो पता है, जितना पता है, वह सब हम हर एजेंसी को बता रहे है लेकिन बार-बार छापेमारी कर परिवार को प्रताड़ित करने का यह दौर खत्म होना चाहिए।
इसी प्रकार एनआइए की दूसरी टीम ने दाउदनगर के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी ऋषि राज को साथ लेकर गोह एवं बंदेया थाना की पुलिस के साथ बिहार-झारखंड के शीर्षस्थ नक्सली कमांडर संदीप यादव का दाहिना हाथ कहे जाने वाले अनील यादव उर्फ मिनी संदीप के बंदेया गांव स्थित आवास पर छापेमारी की। यहां भी एनआइए की टीम ने मिनी संदीप के घर और आवश्यक चीजों की तलाशी ली। यहां भी एनआइए की टीम ने कुछ भी बताने से इंकार किया। छापेमारी के बाद मिनी संदीप की मां ने एनआइए की टीम पर घर में तोड़फोड़ करने और घर में रखे एक बक्से का ताला तोड़कर 1 लाख 60 हजार की नगदी ले जाने का आरोप लगाया है।
गौरतलब है कि भाकपा माओवादी के पोलित ब्यूरो सदस्य सह शीर्षस्थ माओवादी नेता प्रमोद मिश्रा के खिलाफ बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यो की पुलिस के एक अरसे से निशाने पर है।वहीं शीर्ष नक्सली कमांडर अनिल यादव उर्फ मिनी संदीप भी बिहार-झारखंड के कई नक्सली मामलों में वांछित था, जो अभी जेल में बंद है। औरंगाबाद के एसपी कांतेश मिश्रा ने छापेमारी की पुष्टि करते हुए बताया कि एनआईए की विशेष टीम ने दोनो जगहों पर छापेमारी की है जिसमे जिला पुलिस ने उनके कार्यो में सहयोग किया है। छापेमारी में कहां से क्या मिला, यह एनआइए की टीम ही बता सकती है।