लाइव इंडिया न्यूज 18 डाॅट काॅम की खबर का असर
औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। औरंगाबाद के कुटुम्बा प्रखंड में कझपा स्थित 55 एकड़ में फैले कृषि फार्म में संचालित हो रहे बीज गुणन प्रक्षेत्र में घोटाले की खेती की लाइव इंडिया न्यूज 18 डाॅट काॅम पर 5 और 14 जनवरी को प्रमुखता से खबर प्रकाशित होने के बाद कृषि विभाग ने संज्ञान लिया है। मामले को गंभीरता से लेते हुए औरंगाबाद के अनुमंडल कृषि पदाधिकारी जांच करने कृषि फार्म पहुंचे। मामले की जांच की। जांच के बाद अनुमंडल कृषि पदाधिकारी ने कहा कि जांच में कई कमियां पाई गई है कार्रवाई होगी।
कागज में 3.5 हेक्टेयर में धान की खेती, धरातल पर मामला ही अलग-
कझपा कृषि फार्म की 55 एकड़ जमीन पर कृषि विभाग द्वारा बीज उत्पादन के लिए धान और अन्य फसलों को लगवाया जाता है। जांचकर्ता अनुमण्डल कृषि पदाधिकारी ने बताया कि 3.5 हेक्टेयर में धान की फसल लगी है जबकि हकीकत में आंकड़े से कहीं ज्यादा जमीन पर धान की खेती की गई है।
कृषि समन्वयक द्वारा खुद के उपयोग के लिए की गई रेड राइस की खेती, अधिकारी अनभिज्ञ-
कृषि फार्म में कृषि समन्वयक आशतोष कुमार उर्फ टनटन सिंह द्वारा खुद के उपयोग के लिए रेड राइस की खेती से जांच अधिकारी अनभिज्ञ थे। जांच में यह मामला भी सामने आया। उजागर हुआ कि कृषि समन्वयक ने अवैध तरीके से धान बेचने के लिए अधिक भूमि पर फसल लगाकर स्वयं मुनाफा कमाने के लिए इन सारे गोरखधंधों को अंजाम दिया है। जांच के दौरान तक अनुमंडल कृषि पदाधिकारी यहां पर रेड राइस की खेती से अनभिज्ञ थे लेकिन वहां के गा्रामीणों की शिकायत पर कृषि समन्वयक ने अनुमंडल कृषि पदाधिकारी के समक्ष यह कबुल किया कि रेड राइस की खेती खुद के उपयोग के लिये 5 कट्ठें में की। हालांकि काफी महंगे बिकने वाले रेड राइस की खेती से वरीय पदाधिकारियों की अनभिज्ञता आश्चर्यजनक लगती है।
शिकायत पर पिछले साल हटाया गया कृषि समन्वयक फिर काम करने को बहाल-
जांच के दौरान अनुमंडल कृषि पदाधिकारी को ग्रामीणों ने इस बात से भी वाकिफ कराया कि शिकायत मिलने पर कृषि समन्वयक को पिछले साल हटाया गया और पुनः उसी कृषि समन्वयक को दुबारा यहीं का प्रभार दिया गया। गामीणों ने कहा कि आरटीआई के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2019 में वर्तमान कृषि समन्वयक के खिलाफ किसानों ने शिकायत की थी। जांच में शिकायत सत्य पाया गया। इसके बाद कृषि समन्वयक को हटाकर दूसरे कृषि समन्वयक को प्रभार दिया गया। पुनः मामले में दोषी कृषि समन्वयक को कर्मा बसंतपुर, बैराव और तेलहारा पंचायत का कृषि समन्वयक बनाया गया और पुनः कझपा कृषि फार्म का प्रभार भी दिया गया। इस मामले में भी अनुमंडल कृषि पदाधिकारी ने ग्रामीणों को कार्रवाई के प्रति आश्वस्त किया हैं। अब देखना यह है कि मामले में आगे कौन कौन सा गुल खिलता है और कौन कौन लोग नपते हैं।