औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज18 ब्यूरो)। प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी द्वारा चार राज्यों में 23 से 25 नवम्बर तक आहुत तीन दिवसीय बंद के ऐलान के पहले दिन अति नक्सल प्रभावित औरंगाबाद जिले में बंद का गहरा असर दिखा। नक्सल प्रभावित प्रखंडों-नबीनगर, कुटुम्बा, देव, मदनपुर एवं रफीगंज में बंद का गहरा प्रभाव रहा। इन प्रखंडों में यातायात व्यवस्था पूरी तरह ठप रही।
बस स्टैंडों में सन्नाटा पसरा रहा। प्रखंड मुख्यालय से लेकर ग्रामीण हाट-बाजार तक बंद रहे। बैंक, पोस्ट ऑफिस, स्कूल आदि सरकारी संस्थानों में बंदी दिखी। वही औरंगाबाद जिला मुख्यालय, गोह, हसपुरा, दाउदनगर, ओबरा एवं बारूण में बंद बेअसर रहा और इन प्रखंडों के बाजारो में सरकारी एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठान सामान्य दिनों की भांति खुले रहे। यातायात व्यवस्था भी सामान्य रही।
गौरतलब है कि नक्सली संगठन के पोलित ब्यूरो मेंबर प्रशांत बोस उर्फ किशन दा और उनकी पत्नी व संगठन की सेंट्रल कमिटी की सदस्या शीला मरांडी की गिरफ्तारी के विरोध में भाकपा माओवादी ने चार राज्यों-बिहार, झारखंड, उतरी छतीसगढ़ एवं उतर प्रदेश में 23 से 25 नवम्बर तक तीन दिनों के बंद की घोषणा कर रखी है। बंद की पूर्व संध्या पर नक्सली मदनपुर थाना क्षेत्र के जुड़ाही में मोबाइल टावर और पंचायत सरकार भवन को उड़ा चुके है। बंद की पूर्व संध्या पर नक्सलियों द्वारा इस बड़ी वारदात को अंजाम दिये ज़ाने का भी बंद पर गहरा प्रभाव पड़ा और इस वजह से भी बंद असरदार रहा।