- जुड़ाही में पंचायत सरकार भवन और मोबाइल टावर उड़ाने की घटना के 48 घंटे बाद नक्सली फिर सक्रिय
औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज18 ब्यूरो)। केंदीय रिजर्व पुलिस बल(सीआरपीएफ), सशस्त्र सीमा बल(एसएसबी) और औरंगाबाद पुलिस द्वारा लगातार चलाये गये संयुक्त ऑपरेशन से लम्बे अरसे से मांद में छिप गये नक्सली अब मांद से फिर से बाहर आ गये है। मांद से बाहर आकर नक्सली औरंगाबाद जिले में अब ताबड़तोड़ विध्वंसक गतिविधियों को अंजाम दे रहे है। हाल फिलहाल नक्सलियों ने सोमवार को मदनपुर थाना क्षेत्र के जुड़ाही में पंचायत सरकार भवन और मोबाईल टावर को उड़ाकर दहशत फैला दी।
इसके ठीक 48 घंटे बाद बुधवार की शाम नक्सलियों ने देव में पावर सब स्टेशन पर पोस्टर चिपका कर सब स्टेशन को 24 घंटे के अंदर खाली करने की धमकी दी है। पोस्टर के माध्यम से बिजली विभाग के अनुमंडलीय अभियंता(एसडीइ), कनीय अभियंता(जेई) और एक महिला कर्मी को जन अदालत में सजा दिये जाने का भी ऐलान किया है। प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी की ओर से हरे रंग से लिखे इस पोस्टर में विद्युत विभाग के देव के जेई सचिन कुमार को इंसानियत का हत्यारा, दलित एवं कुचला वर्ग का शोषक करार देते हुए शोषण बंद करने का फरमान जारी किया है।
पोस्टर में बकाया बिजली बिल के नाम पर गलत केस कर भोली भाली जनता को गुमराह करना बंद करो , इंसानियत के हत्यारा, गद्दार, विश्वासघाती सचिन जेई को सजा ए मौत का ऐलान करती है। पोस्टर में नक्सलियों की ओर से कहा गया है कि संगठन की रिजनल कमिटी एसडीओ कमला प्रसाद, जेई और एक महिला कर्मी जन अदालत लगाकर मौत की सजा देने की घोषणा करती है। गद्दार जेई सचिन कुमार, गद्दार एसडीओ कमला प्रसाद और महिला कर्मी 24 घंटे के अंदर बिजली ऑफिस छोड़ दो। पोस्टर में यह भी कहा कि दिनांक 24 .11.21 से भाकपा माओवादी संकल्प लेती है कि रिश्वतखोर अफसर ऑफिस छोड़ो अन्यथा जन अदालत में मौत की सजा मुकर्रर होगी।साथ ही पोस्टर में बकाया बिजली बिल लेना बंद करो, गरीब जनता को तंग करना बंद करो तथा देव बिजली ऑफिस खाली करो आदि नारे भी लिखे है।
पोस्टर में निवेदक के रूप में जन मुक्ति छापामार, गया ज़ोन कमांड भाकपा माओवादी अंकित है।इस पोस्टरबाजी से बिजली विभाग के कर्मी दहशत में है। वहीं जेई सचिन कुमार ने पावर सब स्टेशन पर नक्सली पोस्टर सटा होंने की पुुुष्टि करते हुए कहा कि विभाग के वरीय अधिकारियों को इसकी सूचना दी गई है। वहीं कुछ लोगो ने पोस्टरबाजी को स्थानीय असामाजिक तत्वों की हरकत की शंका जाहिर की है। हालांकि भाकपा माओवादी के पोलित ब्यूरो मेंबर प्रशांत बोस उर्फ किशन दा और सेंट्रल कमिटी मेंबर शीला मरांडी की गिरफ्तारी के विरोध में संगठन द्वारा चार राज्यों-बिहार, झारखंड, उतरी छतीसगढ़ और उतर प्रदेश में आहुत तीन दिवसीय बंदी के दूसरे दिन इस तरह की पोस्टरबाजी में नक्सली संगठन का होने की संभावना से भी इंकार नही किया जा सकता है। स्थानीय पुलिस ने इस नक्सली पोस्टर को जब्त कर लिया है।
वही बिजली विभाग के कर्मियों ने बताया कि तीन दिनों की नक्सली बंदी के दौरान देव स्थित पावर सब स्टेशन के कार्यालय को बंद रखकर सब स्टेशन के सेवा क्षेत्र में सुुुचारु रूप से बिजली की आपूर्ति जारी है। नक्सलियों की इस पोस्टरबाजी के गुरुवार की शाम 24 घंटे पूरे हो गये है और अल्टीमेटम के बावजूद सब स्टेशन तो खाली नही किया गया है लेकिन पोस्टर में जिन विभागीय कर्मियों के नाम है, वे सभी डर से भूमिगत हो गये है और इस मामले पर कुछ भी बोलने को तैयार नही है।
गौरतलब है कि देव का इलाका बेहद संवेदनशील और अत्यंत नक्सल प्रभावित क्षेत्र है। इस इलाके में लंबे अरसे से अघोषित तौर नक्सलियों की हुकुमत चलती रही है। यह भी दीगर है कि इस क्षेत्र के अलावा बगल के प्रखंड कुटुम्बा में भी 8 दिसम्बर को पंचायत चुनाव के दसवें चरण का मतदान होना है और दोनो ही क्षेत्र अति नक्सल प्रभावित है। ऐसे में ताबड़तोड़ नक्सली गतिविधियों के कारण पंचायत चुनाव को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराना भी शासन प्रशासन के लिए तगड़ी चुनौती बन गई है।
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