मुंगेर (लाइव इंडिया न्यूज18 ब्यूरो)। मुंगेर जिला स्थित ऋषि कुंड गर्म जल के लिए प्रसिद्ध है। जिला मुख्यालय से 38 किलोमीटर और खड़गपुर प्रखंड से 16 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ऋषि कुंड जिले के ऐतिहासिक धरोहर में से एक है। पहाड़ की तराई से सालों भर निकलने वाले गर्म जल से लोग स्नान तो करते ही हैं, औषधि के रूप में भी सेवन कर अपने को स्वास्थ्य रखते हैं।कुंड का गर्म जल का आनन्द उठाने के लिये लोग ठंढ के इन दिनों में निजी वाहन का उपयोग करते हैं। पहाड़ की तराई में स्थित कुंड भू-गर्भ में अत्यधिक गन्धक की मात्रा होने के कारण 24 घण्टे गर्म पानी बहता रहता है। गर्म पानी बहने वाले स्रोत के पास एक तालाब है, जिसे ऋषि कुंड कहा जाता है।
किवदंती के अनुसार इसी स्थान पर ऋषि विभांडक अपना आश्रम बनाकर रहते थे।लोग कहते हैं कि ऋषि यहाँ शिक्षा दान भी करते थे।ऋषि विभांडक के आश्रम स्थित रहने के कारण ही इसे ऋषि कुंड कहा जाता है। मुंगेर जिले के ऐतिहासिक धरोहर के रूप में ऋषि कुंड विख्यात है। गर्म जल में स्नान करने और उसके सेवन से पेट रोग,चर्म रोग आदि से लोगों को मुक्ति मिलती है।
कुंड के चारों तरफ प्रकृति की सुंदर क्षटा देख मन प्रसन्न हो उठता है। कुंड के आस-पास देवी-देवताओं का मंदिर विराजमान है जहां कुंड में स्नान कर मन्दिर में पूजा अर्चना करते हैं।कुंड के उत्तर पश्चिमी कोण पर एक छोटा प्लेस निर्मित है।कहते हैं कि जिन लोगों की मन्नते पूरी होती है इसी प्लेस पर धार्मिक अनुष्ठान करते हैं।ऋषि कुंड धार्मिक और रमणीक दोनों रूप में विख्यात है।
यहां प्रत्येक तीन साल में मलमास मेला भी लगता है।इस अवसर पर प्रकृति सौंदर्य को देखने और गर्म जल का लुफ्त उठाने के लिये हजारों की संख्या में लोग इस कुंड में डुबकियां लगाने पहुंचते हैं। सरकारी उपेक्षा के कारण इस जगह को अन्य पर्यटक स्थलों की तरह महत्व नही मिला।कुंड की साफ़-सफाई नही होने के कारण यहां गन्दगी का अंबार है। स्थानीय स्वयं सेवकों को साफ़ सफाई पर विशेष ध्यान रखना चाहिए ताकि आने वाले पर्यटकों को कोई परेशानी नहीं हो।