मुकेश सहनी मंत्री पद से बर्खास्त, जानिए हटाये जाने की इनसाइड स्टोरी

  • भाजपा से बगावत मुकेश सहनी को पड़ गयी भारी
  • हाल ही में वीआईपी के तीन विधायक भाजपा में हो गये थे शामिल
  • राज्य के पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री थे सहनी

पटना (लाइव इंडिया न्यूज18 ब्यूरो)। विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के सुप्रीमो तथा पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री मुकेश सहनी को भाजपा से बगावत करनी उनके लिए भारी पड़ गयी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा की अनुशंसा के आलोक में रविवार को मुकेश सहनी को अपने मंत्रिमंड़ल से बर्खास्त कर दिया है। मुख्यमंत्री सचिवालय ने मुकेश सहनी की बर्खास्तगी से संबंधित पत्र राज्यपाल फागू चौहान को भेज दिया है। राज्यपाल ने भी मुख्यमंत्री की अनुशंसा को स्वीकार कर लिया है।

मुख्यमंत्री सचिवालय से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री मुकेश सहनी मंत्री पद से हटेंगे। भाजपा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लिखित तौर पर मुकेश सहनी को मंत्री पद से हटाने की अनुशंसा की थी। अनुशंसा में कहा गया था कि मुकेश सहनी अब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का हिस्सा नहीं हैं। इसके बाद मुख्यमंत्री ने मुकेश सहनी को मंत्रिमंड़ल से बर्खास्त करने की सिफारिश राज्यपाल को भेज दी।

मालूम हो कि मुकेश सहनी ने राजग में रहते हुए भाजपा के खिलाफ हमलावर रुख अपना रखा था। उन्होंने हाल ही में संपन्न उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में जहां कई सीटों पर अपनी पार्टी के उम्मीदवारों को खड़ा किया था‚ वहीं भाजपा कर जमकर आग उगली थी। भाजपा ने पिछले विधानसभा चुनाव में वीआईपी की जीती हुई बोचहां सीट के लिए हो रहे उपचुनाव में अपने उम्मीदवार को उतारा है। इसके बाद दोनों पार्टियों में तल्खी और बढ़ गयी। इसके बाद वीआईपी ने भी बोचहां से अपना उम्मीदवार उतार दिया‚ पर कुछ ही दिनों के बाद भाजपा ने वीआईपी के तीनों विधायक स्वर्णा सिंह‚ मिश्री लाल यादव और राजू सिंह को अपने पार्टी विलय करा लिया।

विधानसभा में वीआईपी के तीनों विधायकों ने भाजपा में विलय के लिए आवेदन दिया था‚ जिसे विधानसभा अध्यक्ष और भाजपा ने स्वीकार कर लिया। भाजपा के इस कदम के बाद मुकेश सहनी ने कहा था कि मैं मंत्रिमंड़ल से इस्तीफा नहीं दूंगा‚ मुख्यमंत्री चाहे तो मुझे मंत्रिमंड़ल से हटा सकते हैं। गौरतलब है कि वर्ष २०२० में हुए बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान पहले मुकेश सहनी की पार्टी महागठबंधन में शामिल थी।

कुछ मुद्दा को लेकर असहमत मुकेश सहनी नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के प्रेस कॉन्फ्रेंस से उठ गये थे और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर पीठ में छूरा भोंकने का आरोप लगाया था। इसके बाद मुकेश सहनी राजग में शामिल हो गये। राजग में मुकेश सहनी की वीआईपी को ११ सीटें दी गयी थीं‚ जिनमें से चार सीटों पर ही उसे जीत हासिल हो पायी। मुकेश सहनी खुद चुनाव हार गये। इसके बावजूद उन्हें नीतीश कुमार के मंत्रिमंड़ल में शामिल किया गया और उन्हें पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री की जिम्मेवारी दी गयी। भाजपा ने अपने कोटे से उन्हें डे़ढ साल के लिए विधान परिषद भी भेजा। इसके बावजूद मुकेश सहनी भजपा के खिलाफ बगावत करने से बाज नहीं आये। इसी का नतीजा है कि आज उन्हें मंत्रिमंड़ल से बर्खास्त होना पड़ा है।

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