दरभंगा। दरभंगा के घनश्यामपुर थाना क्षेत्र के जिरात स्थित घर में विकासशील इंसान पार्टी (VIP) प्रमुख और पूर्व मंत्री मुकेश सहनी के पिता जीतन सहनी (65) की सोमवार की रात नृशंस तरीके से हत्या कर दी गई। उनपर धारदार हथियार से कई वार किए गए। बिछावन पर मिले जीतन के पेट की आंत बाहर निकल गई थी। पैर व हाथ पर गहरे जख्म थे। वे घर में अकेले ही रहते थे।
करीब आठ साल पहले उनकी पत्नी का निधन हो गया था। पुलिस दो लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। करीब रात आठ बजे मुकेश सहनी मुंबई से बिरौल पहुंचे। उनके छोटे भाई संतोष सहनी पहले ही पहुंच चुके हैं। उनके पिता का अंतिम संस्कार कर दिया गया है।
ग्रामीण के अनुसार, जीतन सहनी प्रात: चार बजे घर में भजन बजाया करते थे। मंगलवार की सुबह जब भजन की आवाज नहीं आई तो उनके घर के बाहर फूल तोड़ने पहुंचे जिरात गांव के जोगी सहनी को आश्चर्य हुआ। उन्होंने दरवाजा खटखटाया और आवाज दी, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। मोबाइल पर रिंग करने पर भी रिसीव नहीं हुआ तो उन्होंने आकर बगल के मछली मार्केट के लोगों को जानकारी दी।
कुछ और लोग भी पहुंचे और पानी होकर पीछे के दरवाजे से अंदर घुसने पर बिस्तर पर ही क्षत-विक्षत अवस्था में शव देखा। इसके बाद इसकी सूचना पुलिस को दी गई।
पिता की मौत पर को मुकेश सहनी ने बताया निषाद समाज के लिए काला दिन
पिता की हत्या पर पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट कर लिखा- मेरे पिता जी की बेरहमी से अपराधियों ने हत्या कर दी है। पिताजी को इतनी क्रूरता से मारा गया कि शब्दों में बयां करना मुश्किल है। उनका खून हमारे घर की दीवारों पर लगा हुआ है। यह घटना हमारे पूरे परिवार के लिए अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और असहनीय है। हमारी आत्मा रो रही है। निषाद समाज के लिए यह दिन ‘काला दिवस’ के रूप में जाना जाएगा, लेकिन यह हमें डरा नहीं सकता। हम बिहार सरकार से आग्रह करते हैं कि वह जल्द से जल्द इस घटना की जांच कर दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने का काम करे। आज शाम 7 बजे दरभंगा जिले के सुपौल बिरौल बाजार में दाह संस्कार कार्यक्रम होगा। आप सभी से निवेदन है कि इस समय हमारी पीड़ा में शामिल हों और अपनी उपस्थिति से हमें समर्थन प्रदान करें।
डीआइजी का दावा, जल्द होगा केस का पर्दाफाश
घटना की सूचना मिलते ही डीआइजी, डीएम, एसएसपी और अन्य वरीय अधिकारियों ने घटनास्थल का मुआयना किया। श्वान दस्ते की टीम ने छानबीन की। एफएसएल की टीम ने घटनास्थल से खून और पास के पोखर के किनारे से मिट्टी के नमूने लिए हैं। मौके पर कांच के तीन खाली गिलास मिले हैं। तालाब में घर से निकलकर आ रहे पाइप के पास एक जोड़ी हरे रंग की चप्पल भी जब्त की गई है।
डीआइजी बाबू राम ने बताया कि यह घर गांव के एक किनारे पर स्थित है, इसलिए पड़ोसियों को घटना की जानकारी नहीं मिली। पुलिस को सुबह सवा सात बजे घटना की जानकारी मिली। तमाम वरीय पदाधिकरी के साथ एफएसएल, श्वान दस्ते की टीम पहुंची है। कई महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं। हमलोग घटना के पर्दाफाश के करीब हैं। इसके बाद अपराधियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाएगी। इस हत्याकांड में कई महत्वपूर्ण एंगल है।
घर के पीछे से एक छोटा सा लाल रंग का आलमीरा मिला है, जिसमें वे अपने महत्वपूर्ण कागजात और व्यक्तिगत सामान रखते थे। इस आलमीरा को घर के पीछे छोटे से तालाब में फेंका गया था। इसमें कुछ कागजात मिले हैं, जो गीले हो गए थे। इसकी जांच की जा रही है। इसके अलावा आसपास के लोगों से भी कुछ महत्वपूर्ण सूचनाएं मिली हैं। ग्रामीण एसपी काम्या मिश्रा के नेतृत्व में एसआइटी का गठन किया गया है।
टीम अपना काम कर रही है। तमाम थानाध्यक्ष और एसडीपीओ को उसमें शामिल किया गया है। सबको अलग-अलग बिंदुओं पर काम बांटा गया है। जिलाधिकारी राजीव रोशन ने कहा कि तमाम वरीय अधिकारी कैंप कर रहे हैं। दोषी बख्शे नहीं जाएंगे।
पुराने मकान से करीब 15 मीटर की दूरी पर है दूसरा घर
मुकेश सहनी का पैतृक घर बिरौल नगर पंचायत के वार्ड सात के खेवा में है। जबकि, घटनास्थल घनश्यामपुर थाना क्षेत्र के जिरात में है। यहां मुकेश सहनी का नया दो मंजिला मकान करीब पांच साल से निर्माणाधीन है। इसकी दूरी पुराने मकान से करीब 15 मीटर है। दोनों के बीच में रोड का फासला है। घटनास्थल से करीब पांच मीटर दूर घर के पीछे एक तालाब है।
इसके आसपास एक से डेढ़ फीट पानी में घास उगी है। पीछे के दरवाजा के एक हिस्से में लोहे की जाली लगी है। शेष भाग में लकड़ी की चौखट लगी है, लेकिन दरवाजे की जगह बांस का फाटक लगा है। फाटक को रस्सी से फंसाकर बांधा जाता है। इसे खोलकर कोई आदमी आसानी से आ-जा सकता है।
मुंबई में रहता है जीतन सहनी का परिवार
जीतन सहनी के दो पुत्र व एक पुत्री हैं। मुकेश सहनी और बहन शादीशुदा हैं। छोटा पुत्र संतोष सहनी अविवाहित हैं। सभी मुंबई में ही रहकर फिल्म सिटी में सेट निर्माण के कारोबार से जुड़े हैं। इधर, घटनास्थल पर ग्रामीणों में चर्चा रही कि जीतन सहनी सूद पर रुपये लेन-देन का भी काम करते थे। हालांकि, पुलिस इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं कर रही है।
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