बाल कुपोषण दर में कमी लाने हेतु पर्यवेक्षिकाओं के देखरेख में आंगनबाड़ी स्तर पर की जा रही बच्चों में वृद्धि की निगरानी

औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। समेकित बाल विकास कार्यक्रम के तहत 0 से 6 वर्ष की उम्र के बच्चों में कुपोषण की दर में कमी लाने हेतु औरंगाबाद जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों के स्तर पर किये जा रहे कार्यों की आइसीडीएस की जिला प्रोग्राम पदाधिकारी द्वारा सघन रूप से निगरानी कराई की जा रही है। इसके लिये प्रथम चरण में औरंगाबाद सदर प्रखंड के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर महिला पर्यवेक्षिका जाकर अपनी उपस्थिति में सेविकाओं को प्रशिक्षित कर सभी बच्चों के वृद्धि की निगरानी का कार्य करवा रही है।

जिला प्रोग्राम पदाधिकारी अनिषा भारती ने बताया कि औरंगाबाद जिले में एनएफएचएस-5 के डेटा के अनुसार 48.7 प्रतिशत बच्चे अल्प वजन, 32.9 प्रतिशत बच्चे दुबलेपन(एमएएम) एवं 18.5 प्रतिशत बच्चे गंभीर दुबलेपन(एसएएम) के शिकार हैं। कहा कि औरंगाबाद सदर परियोजना में महिला पर्यवेक्षिकाओं द्वारा प्रत्येक दिन कम से कम 3 आंगनबाड़ी केंद्र पर जाकर सेविकाओं से अपनी उपस्थिति में 0 से 6 वर्ष के बच्चों को वृद्धि की निगरानी का कार्य करवाएंगी एवं रिपोर्ट तैयार कर जिला प्रोग्राम पदाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करेंगी।

साथ ही अगले सप्ताह में स्वास्थ्य विभाग, यूनिसेफ, केयर इंडिया एवं अन्य सहयोगी संस्थाओ के सहयोग से सभी महिला पर्यवेक्षिकाओं को जिला स्तर पर विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके तहत 0 से 6 वर्ष के बच्चों की वृद्धि निगरानी, महिलाओ एवं बच्चों में अनीमिया की रोकथाम एवं बचाव, वीएचएसएनडी एवं आपदा से संबंधित प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके पूर्व मार्च एवं अप्रैल माह में पोषण पखवाड़ा कार्यक्रम के तहत विशेष कैम्प लगा कर वृद्धि निगरानी एवं अनीमिया के लक्षण एवं बचाव हेतु लोगो में जागरूकता फैलाने का कार्य किया गया है।