औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। बिहार सरकार के कृषि, सहकारिता एवं गन्ना उद्योग विभाग के मंत्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में औरंगाबाद के जिला अतिथि गृह सभाकक्ष में सहकारिता विभाग के अलावा कृषि विभाग के सभी निदेशालयों-कृषि, आत्मा, भूमि संरक्षण, पौधा संरक्षण, उद्यान, मिटी जांच एवं माप-तौल से संबंधित चल रहे कार्यक्रमों एवं योजनाओं की समीक्षा की गई।
बैठक में सबसे पहले मंत्री ने सहकारिता विभाग के स्तर से जिले के किसानों हेतु सरकार द्वारा घोषित धान के न्यूनतम समर्धन मूल्य 1868/-रूपयें प्रति क्विंटल पर धान अधिप्राप्ति के बारे में समीक्षा की। समीक्षा के दौरान कहा कि यह सरकार के स्तर से कृषक हित में संचालित की गई सर्वोचच प्राथमिकता युक्त सबसे महत्वपूर्ण योजना है। उन्होने जिला सहकारिता पदाधिकारी को निर्देश दिया कि अभीतक धान अधिप्राप्ति की स्थिति अपेक्षाकृत संतोषप्रद नहीं है, इसलिए निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु धान अधिप्राप्ति के कार्य में तेजी लाते हुए 31 जनवरी तक शत-प्रतिशत उपलब्धि प्राप्त करना सुनिश्चित करें। जिला सहकारिता पदाधिकारी ने उन्हे बताया कि जिले के अधिकांश पैक्स अध्यक्षों द्वारा किसानों से प्राप्त किये गये धान की पक्की प्राप्ति रसीद उपलब्ध नहीं कराये जाने एवं समय से राशि का भुगतान नहीं हो पाने के कारण किसानों के बीच असंतोष होने के साथ हीं उन्हें कठिनाई का भी सामना करना पड़ता है। मंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिया कि पैक्सों द्वारा जिले के सिर्फ बड़े किसानों सेे धान की अधिप्राप्ति नहीं की जाय बल्कि लघु एवं सीमांत किसानों द्वारा पैदा किये गये धान की भी अधिप्राप्ति प्राथमिकता के आधार पर करते हुए सभी किसानों को उनके धान की पक्की प्राप्ति रसीद दिलाने की व्यवस्था की जाय। किसी भी परिस्थिति में सरकार के आदेशों का उल्लंघन नहीं होना चाहिए। यदि ऐसा पाया जाता है तो जिला सहकारिता पदाधिकारी उस पैक्स अध्यक्ष के विरूद्ध नियमानुकुल कठोर कार्रवाई करना सुनिश्चित करेंगे।
इसके बाद मंत्री द्वारा कृषि विभाग की समीक्षा की गई। समीक्षा के दौरान जिले में रब्बी मौसम के तहत किसानों को विभिन्न योजनाओं के तहत अनुदानित बीज वितरण के संबंध में जानकारी मांगी। जिला कृषि पदाधिकारी ने मंत्री को अवगत कराया कि निर्धारित लक्ष्य के अनुसार शत-प्रतिशत बीज वितरण कर दिया गया है। जिला हेतु 8100.12 क्विंटल बीज वितरण का लक्ष्य विभाग के स्तर से निर्धारित किया गया था, जिसके विरूद्ध जिले में कुल 6989.9 क्विंटल बीज बिहार राज्य बीज निगम के स्तर से उपलब्ध कराया गया था, जिसमें से 6986.3 क्विंटल बीज का वितरण जिले के किसानों के बीच किया जा चुका है। प्रखंड गोह में 3.6 क्विंटल बीज की चोरी की घटना होने से यह मात्रा अवशेष प्रदर्शित हो रही है। मंत्री ने रब्बी बीज की होम डिलीवरी के संबंध में जानकारी मांगी। इस संबंध में जिला कृषि पदधिकारी ने उन्हे बताया कि जिले के लगभग 7000 कृषकों के बीच 2218.42 क्विंटल बीज को कृषि विभाग के क्षेत्रीय कर्मियों द्वारा कोविड-19 के दौरान होम डिलीवरी के माध्यम से इच्छुक कृषकों के घर तक पहुंचाने का काम किया है। मंत्री द्वारा उर्वरकों विशेषकर यूरिया की स्थिति की समीक्षा की गई। जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि रब्बी मौसम में 32000 मीट्रिक टन यूरिया आपूर्ति का लक्ष्य विभाग के स्तर से निर्धारित किया गया था, जिसके विरूद्ध आज तक 17866.64 टन यूरिया की आपूर्ति की जा चुकी है। वर्तमान में यूरिया की कमी होने एवं अधिक मूल्य पर यूरिया की बिक्री किये जाने की सूचना किसी भी स्तर से प्राप्त नहीं है। मंत्री द्वारा यह भी निर्देश दिया गया है कि उर्वरकों की कृत्रिम कमी एवं मूल्य नियंत्रण पर विशेष नजर रखी जाय तथा उर्वरक बिक्री केन्द्रों के औचक निरीक्षण एवं छापेमारी का कार्य कर अनियमितता पाये जाने पर संबंधितों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाय ताकि रब्बी मौसम में किसानांे को सरकार द्वारा निर्धारित दर पर यूरिया आदि की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके। मंत्री द्वारा ‘‘हर खेत तक सिंचाई का पानी‘‘ नामक सरकार की अतिमहत्वाकांक्षी योजना में सर्वेक्षण कार्य की समीक्षा की गई एवं निर्देश दिया कि सर्वेक्षण दल द्वारा किसानों के सभी प्लाॅटों पर जाकर सही ढंग से तकनीकी सर्वेक्षण कार्य किया जाय, ताकि ‘‘हर खेत तक सिंचाई का पानी‘‘ के लक्ष्य की प्राप्ति होते हीं सरकार की मंशा के अनुरूप हर हाथ को काम मिलने का सपना साकार हो सके। इसके अलावा भूमि सरंक्षण, कार्यालय का समीक्षा किया गया। समीक्षा के दौरान भूमि संरक्षण पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि इस कार्यालय के द्वारा आहर एवं चेक डैम निर्माण किया जाता है। मंत्री ने समीक्षा के दौरान चेक डैम एवं आहर का लिस्ट मांगा एवं निर्देश दिया कि आहर एवं चेक डैम सही जगह पर चयनित किये जायें एवं स्थल का भौतिक सत्यापन कर ही कार्य करवाना सुनिश्चित किया जाय, ताकि इन योजनाओं से किसानों को वांछित लाभ मिल सके। उद्यान कार्यालय के समीक्षा समीक्षा के दौरान सहायक निदेशक, उद्यान द्वारा बताया गया कि सरकार के द्वारा संचालित प्रधामंत्री कृषि सिंचाई योजना एवं अन्य योजनाओं के द्वारा किसानों को लाभान्वित किया जा रहा है। मंत्री द्वारा मिट्ी जांच की समीक्षा के दौरान बताया गया कि सरकार के द्वारा किसानों को सुविधा देने हेतु प्रत्येक प्रखण्ड के ई-किसान भवनों में स्थित प्रखंड कृषि कार्यालयों के स्तर पर मिट्टी जांच प्रयोगशाला स्थापित करने पर विचार किया जा रहा है। अंत में माप-तौल की समीक्षा के दौरान निरीक्षक, माप-तौल को नियमानुसार धर्मकांटा, पेट्रोल पम्प, व्यवसायिक संस्थानों द्वारा प्रयुक्त किये जा रहे माप-तौल से संबंधित उपकरणों की जांच कर अनियमितता पाये जाने पर विधिसम्मत कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया। बैठक में जिला कृषि पदाधिकारी श्री अश्विनी कुमार, जिला सहकारिता पदाधिकारी श्रीन्द्र नरायण,, उप निदेशक(भूमि सरंक्षण)-सह-परियोजना निदेशक आत्मा सुधीर कुमार राय, कंुवर सिंह, जितेन्द्र कुमार, कुणाल सिंह, आलोक एवं शाखा प्रबंधक, को-आॅपरेटिव पदाधिकारी, औरंगाबाद उपस्थित थे।