औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। औरंगाबाद जिले में उर्वरको की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता के दावों के बीच खरीफ की खेती के मौसम में उर्वरको के लिए हाहाकार मचा है।
यह स्थिति तब है जब औरंगाबाद के तेज तर्रार सांसद सुशील कुमार सिंह ने महज तीन दिन पहले ही दावा किया है कि उन्होने औरंगाबाद जिले में खाद की समस्या को लेकर केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री से मुलाकात की है। उनसे सकारात्मक बाते हुई है और खाद को लेकर किसानो को कोई शिकायत नही रहेगी लेकिन सांसद का यह दावा भी हवा हवाई साबित हो रहा है। गौरतलब है कि अभी खेती का पीक सीजन होने के कारण धान की फसलो को हर हाल में यूरिया, एसएसपी और डीएपी जैसे उर्वरक देने की जरूरत है। इस जरूरत को पूरा करने के लिए जब किसान उर्वरक बिक्री केंद्रो यानी प्वाइंट ऑफ सेल पर पहुंच रहे है तो उन्हे खाद के लिए जंग लड़नी पड़ रही है।
आलम यह है कि किसान एक ओर खाद के लिए जंग लड़ रहे है, वही दूसरी ओर उर्वरक विक्रेता कालाबाजारी में खाद बेचकर मालामाल हो रहे है। यूरिया खाद की कीमत 276 रुपये प्रति बोरी निर्धारित है और पीओएस मशीन में आधार नंबर दर्ज कर बायोमीट्रिक पहचान सुनिश्चित करते हुए एक किसान को पांच बोरी ही खाद देनी है लेकिन इसका बिल्कुल उलटा हो रहा है। कालाबाजारी के खेल में रेट भी अजब गजब है, जिससें जितने में पटा, उसको उसी रेट में खाद मिल रहा है। मतलब किसी को 300, किसी को 320, तो किसी को 420 रूपये प्रति बोरी तक मिल रहा है। हद तो यह है कि खाद को कालाबाजार में बेचने के लिए उर्वरक विक्रेताओं ने गोपनीय गोदाम तक बना रखे है और रात के अंधेरे में वही से खाद की बिक्री हो रही है। रफीगंज के कियाखाप स्थित एक ऐसे ही गोदाम पर बीती रात किसानो ने धावा बोला और कालाबाजारी का भंडाफोड़ किया, पर यहां भी दुकानदार ने चोरी के बाद भी सीनाजोरी दिखाई। गुप्त गोदाम के भंडाफोड़ के बाद यह मामला अब अधिकारियों के पाले में है।