पटना(लाइव इंडिया न्यूज18 ब्यूरो)। नवचेतन समिति एवं भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के संयुक्त तत्वाधान में जनशक्ति साप्ताहिक का लोकार्पण आज यहां जनशक्ति परिसर में किया गया।
वामपंथी आंदोलन के महायोद्धा गणेश शंकर विद्यार्थी ने ‘जनशक्ति’ के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उसके इतिहास पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि 1975 के पहले भी एक बार दैनिक जनशक्ति का प्रकाशन हुआ था, जिसके संपादक इंद्रदीप सिन्हा थे। गणेश शंकर विद्यार्थी ने बताया कि कैसे इसकी बिक्री करने वालों पर हमला किया जाता था। कारण था किसानों, मजदूरों, छात्रों, नौजवानों, गरीबों की समस्याओं का प्रकाशित करना। अखबार जनता को संगठित करता है और आन्दोलन की राह दिखाता है। यही हमारा हथियार है। उन्होंने जनशक्ति को गांव-गांव-जन-जन तक पहुंचाने का आह्वान किया।
वरिष्ठ चिकित्सा डा॰ सत्यजीत इसे समाज के सबसे नीचले तबके तक पहुंचाने का आह्वान करते हुए आनलाइन किए जाने पर खुशी जाहीर की। शिक्षक नेता व पूर्व एमएलसी केदार नाथ पाण्डेय ने कहा कि जनशक्ति ही बताएगी कि भाकपा का संदेश क्या है और आंदोलन की दिशा क्या होगी। चंपारण में गांधी जी के आन्दोलन के ‘‘प्रभाव’’ ने दिशा दी। उन्होंने कहा कि जनशक्ति ने बड़े-बड़े पत्रकारों को पैदा किया। जो देश में हो रहे आन्दोलनों को दिशा दे रहे हैं।
राजद के प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि हम शुरू में वामपंथी छात्र संगठनों के साथ काम किए हैं। प्रेस की आजादी की लड़ाई हमने लड़ी। जनशक्ति के साथ हमारा काफी गहरा जुड़ाव रहा है। किन्तु आज मीडिया की भूमिका शर्मसार करने वाली है।
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राजद के ही मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि जनशक्ति जनता की आवाज है और शक्ति है। आज इसका महत्व बढ़ गया है। जनवादी फारवर्ड ब्लाॅक के नृपेेन्द्र कृष्णा महतो ने कहा कि दैनिक जनशक्ति शुरू किया जाए। हम ग्राहक बनाने में मदद करेंगे।
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सीपीएम के राज्य सचिव अवधेश कुमार ने कहा कि जनशक्ति जनता के आंदोलन का अखबार है। चुनाव में उसकी बड़ी भूमिका होगी। सरकार की जनविरोधी नीतियों सरकारी भ्रष्टाचार के भंडाफोड़ में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगी। हम जनता को प्रशिक्षित कर वामपंथ की वैकल्पिक नीतियों को जन-जन के बीच ले जाएगी।
आयोजन की अध्यक्षता करते हुए भाकपा के प्रभारी राज्य सचिव रामनरेश पाण्डेय ने जनशक्ति के इतिहास पर चर्चा की । आज के पेड न्यूज व फेक न्यूज का कोई प्रभाव जनशक्ति पर नहीं पड़ा। एम. जब्बार आलम ने कहा कि कोरोना के कारण जनशक्ति का प्रकाशन रोकना पड़ा यह गरीबो, मिहतनकशों, किसानों के पक्ष में खड़ी रही। पीत पत्रकारिता का आरोप नहीं लग सकता। आयोजन का संचालन राज्य सचिवमंडल एवं प्रेस प्रकाशन विभाग के सदस्य रामबाबू कुमार ने किया। अध्यक्ष रामनरेश पाण्डेय के धन्यवाद ज्ञापन के साथ आयोजन समाप्त हुआ।
आयोजन में सी.पी.एम. के अरूण मिश्र, गणेश शंकर सिंह, रामपरी देवी, ए.आई. फुक्टो के महासचिव प्रो॰ अरूण कुमार, गालिब, निवेदिता झा, अशोक सिन्हा, संजय चौधरी, जय प्रकाश, अमलेन्दू आदि शामिल थे। आयोजन में सैकड़ों की संख्या में बुद्धिजीबी, राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ता, ट्रेड यूनियन, किसान सभा, छात्र-नौजवान एवं महिला संगठनों के नेताओं ने हिस्सा लिया।