गोह(औरंगाबाद)(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। मकर संक्रांति का पर्व बेहद खास माना गया है। इस बार 15 जनवरी को यह पर्व मनाया जाएगा।
इस दिन किया गया दान सर्वश्रेष्ठ माना गया है। ये बाते आचार्य लाल मोहन शास्त्री ने ने कही। उन्होंने कहा कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने और पूजा अर्चना करने से व्यक्ति के कई संकट दूर हो जाते हैं। कहा कि मकर संक्रांति एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना भी है। सूर्य जब मकर रेखा से कर्क रेखा की ओर जाता है तो इस पूरी प्रक्रिया को उत्तरायण कहते हैं।
14 जनवरी शुक्रवार की रात 8.35 बजे धनु राशि से सूर्य अपने पुत्र शनि की राशि मकर में प्रवेश करेंगे। इसलिए दूसरे दिन 15 जनवरी शनिवार को प्रातः काल से 12 बजे दिन तक मकर संक्रांति महोत्सव मनाया जाएगा। शनिवार के दिन मकर संक्रांति होने से सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण माना जाता है। वैदिक शास्त्रों के मुताबिक उत्तरायण देवताओं का दिन है। इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है। इसीलिए इसे मकर संक्रांति कहते हैं।