मगही कवि अचल के काव्य संग्रह ‘‘इतिहास के ऐनक में’’ का लोकार्पण संपन्न

हसपुरा(औरंगाबाद)(लाइव इंडिया न्यूज़ 18)। हसपुरा स्थित एक निजी आईटीआई के सभागार में जनवादी लेखक संघ के बैनर तले वरिष्ठ साहित्यकार प्रो. अलखदेव प्रसाद अचल के मगही काव्य संग्रह ‘‘इतिहास के ऐनक में’’ का वर्चुअल लोकार्पण किया गया। काव्य संग्रह का लोकार्पण उपेन्द्र महारथी शिल्प एवं शोध संस्थान, पटना के निदेशक डॉ. अशोक कुमार सिंहा, पूर्व विधायक एनके नन्दा, जन शिक्षा बिहार के पूर्व उपनिदेशक गालिब खां एवं पूर्व विधायक केडी यादव ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व प्रमुख आरिफ रिजवी ने की, जबकि संचालन साहित्यकार शंभू शरण सत्यार्थी ने किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री सिन्हा ने कहा कि देश, संस्कृति और इतिहास को बचाए रखना है, तो जनपक्षधर कविताओं को बचाने की जरूरत है। इतिहास को नए नजरिए से देखने की जरूरत है क्योंकि इतिहास में जन सामान्य लोगों के अस्तित्व को नजरअंदाज किया जाता रहा है। पूर्व विधायक एनके नंदा ने कहा कि वास्तविक साहित्य वह होता है, जो न सिर्फ समाज का आईना होता है, बल्कि समाज को एक नई दिशा भी दिखाता है। अचल जी का कविता संग्रह इसका जीता जागता उदाहरण है। जो न सिर्फ जनता की समस्याओं को उजागर करती है, बल्कि जनता को शोषण के खिलाफ लड़ने के लिए ललकारती भी है।

जन शिक्षा बिहार के पूर्व उप निदेशक गालिब खां ने कहा कि कविता लिखना, कविता छापना और कविता पढ़ना एक राजनीति है। दुनिया में बदलाव के लिए जनपक्षीय कविताओं की सख्त जरूरत है। अचल जी की कविताएं वैसी ही हैं। पूर्व विधायक केडी यादव ने कहा कि जो रचनाएं जनपक्षधर होती हैं, वही जन सामान्य के हित की होती है। इस अर्थ में अचल जी जनपक्षधर के कवि हैं। कार्यक्रम को प्रधानाध्यापक कुलदीप चैधरी, डॉ राजेश कुमार विचारक, गोपेन्द्र कुमार गौतम, अंबुज कुमार समुन्दर सिंह, कामाख्या नारायण सिंह, शमशेर आलम ने भी अचल जी की कविताओं को जनपक्षीय बताया। इस अवसर पर महेंद्र कुमार सिंह, नीरज कुमार, विजय सिंह सैनी, श्रीकान्त प्रसाद, रविरंजन कुमार, अरुण कुमार गुप्ता सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।