26 मई को लगेगा चंद्रग्रहण, जानें देश के किन हिस्सों में आएगा नजर

देश में 26 मई को साल 2021 का पहला चंद्रग्रहण लगेगा, जो देश के पूर्वोत्तर भाग में चंद्रोदय के बाद थोड़े समय के लिए दिखाई देगा। भारतीय मौसम विभाग ने इस संबंध में जानकारी दी है। यह चंद्रग्रहण एक पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा, लेकिन भारत में यह एक उपछाया चंद्रग्रहण के रूप में ही दिखाई देगा।

ग्रहण का समय

चन्द्र ग्रहण 26 मई यानि बुधावर की शाम को चंद्रोदय के बाद दिखना शुरू होगा। यह चंद्रग्रहण दोपहर 3.15 पर शुरू होगा और शाम 6.23 बजे तक चलेगा। इस दौरान 4.39 से 4.58 के बीच पूर्ण चंद्रग्रहण लगेगा। यह चंद्रग्रहण भारत में हर जगह से नहीं दिखाई देगा।

कहां-कहां दिखेगा ग्रहण

मौसम विभाग के अनुसार चंद्रग्रहण सिक्किम को छोड़कर पूर्वोत्तर राज्यों, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों और अंडमान निकोबार द्वीप समूह में दिखाई देगा। द्वीप समूह में यह करीब 45 मिनट तक देखा जा सकता है। वहीं पूर्वोत्तर राज्यों में यह दो मिनट से लेकर करीब आधा घंटा तक दिखाई देगा।
यह चंद्रग्रहण भारत के अलावा उत्तर और दक्षिण अमेरिकी, प्रशांत महासागर, ऑस्ट्रेलिया और एशिया के कई देशों में भी दिखाई देगा।

बता दें कि पूर्व व आंशिक चंद्रग्रहण पृथ्वी के सूर्य और चन्द्रमा के बीच में आ जाने की वजह से बनता है। इस दौरान सूर्य के प्रकाश से चमकने वाला चन्द्रमा अंधकार में डूब जाता है और पृथ्वी पर रात में उसकी रोशनी नहीं पहुंच पाती है। यह घटनाक्रम केवल पूर्णिमा के दिन ही होता है।

कब होती है ये खगोलिय घटना

जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीधी रेखा में हो, जिससे पृथ्वी, सूर्य के प्रकाश को चंद्रमा तक पहुंचने से रोक देती है तो चंद्र ग्रहण की खगोलीय घटना होती है। चंद्रग्रहण तीन प्रकार के होते हैं-पूर्ण चंद्रग्रहण, आंशिक चंद्रग्रहण और उपछाया चंद्रग्रहण।

पूर्ण चंद्रग्रहण :- जब चंद्रमा और सूर्य के बीच में पृथ्वी आ जाती है और पृथ्वी की घनी छाया चंद्रमा को पूरी तरह ढक़ लेती है, जिससे चंद्रमा चमकीला न दिखकर लाल दिखने लगता है।

आंशिक चंद्रग्रहण : जब चंद्रमा और सूर्य के बीच पृथ्वी इस प्रकार आये कि पृथ्वी की छाया चंद्रमा के कुछ हिस्से पर पड़े तो इसे आंशिक चंद्रग्रहण कहते हैं। इसमें चंद्रमा की चमक कुछ कम दिखने लगती है।

उपछाया चंद्रग्रहण : सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी के आने पर बीच में तो घनी छाया बनती है, लेकिन उसके चारों और उपछाया बनती है। जब चंद्रमा सिर्फ उपछाया वाले भाग में आता है तो इसे उपछाया चंद्रग्रहण कहते हैं। इस ग्रहण को पहचानना कठिन होता है, क्योंकि चंद्रमा की चमक कुछ ही कम होती है। केवल टेलीस्कोप द्वारा चमक का अंतर समझा जा सकता है।

इसके बाद देश में नवंबर माह की 19 तारीख को अरुणाचल और असम के पूर्वी भाग में आंशिक सूर्यग्रहण दिखाई देगा। यह एक आंशिक चंद्र ग्रहण होगा, जिसकी आंशिक प्रावस्था का अंत चंद्रोदय के तत्काल उपरांत अल्प अवधि के लिए अरुणाचल प्रदेश और असम के सुदूर उत्तर पूर्वी हिस्सों से दृश्य होगा ।