माओवादियों का लेवी कलेक्टर सह मेडिसिन सप्लायर गिरफ्तार, कई कांडों में झारखंड पुलिस के लिए था मोस्ट वांटेड

औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। औरंगाबाद पुलिस ने प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के सक्रिय सदस्य व ग्रामीण के वेश में ठेकेदारों से लेवी वसूलने एवं दस्ता सदस्यों को दवाई पहुंचाने का काम करने वाले एक हार्डकोर नक्सली को गिरफ्तार किया है।

पुलिस अधीक्षक कांतेश कुमार मिश्रा ने शनिवार को प्रेसवार्ता में बताया कि देव थाना की पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि ग्रामीण के वेश में ठेकेदारों से लेवी वसूलने एवं दस्ता सदस्यों को दवाई पहुंचाने का काम करने वाला एक हार्डकोर नक्सली देव मोड़ की तरफ जा रहा है। सूचना के सत्यापन के लिए देव थानाध्यक्ष द्वारा सीआरपीएफ की ई-47 के सहायक समादेष्टा आयुष कुमार एवं द्वितीय कमान अधिकारी विजित कुमार तथा अन्य सशस्त्र बल के साथ महाराणा प्रताप कॉलेज के पास पहुंच कर आने-जाने वाले वाहनों एवं संदिग्ध व्यक्तियों की जांच शुरू की। जांच के दौरान केताकी नहर के पास एक बस आकर रुकी। उससे उतरा एक व्यक्ति सुरक्षा बलों को देखते ही भागने लगा।

सुरक्षा बलो ने भाग रहे व्यक्ति को पकड़ लिया पकड़े जाने पर उसने अपना परिचय अरवल जिले के किंजर थाना के समनपुर निवासी अजय कुमार सिंह उर्फ अजय कुमार उर्फ सत्येन्द्र जी के रूप में दिया। उसके पीठ पर एक बैग पाया गया, जिसकी तलाशी लेने पर एक ऑडियो प्लेयर, एक प्लास्टिक के डब्बे में रखा दो मेमोरी कार्ड-(नक्सल डाटा लोडेड), कई दवाईयों का पत्ता व सुई, एक टूथपेस्ट, सोनाटा कम्पनी का एक घड़ी, नक्सल साहित्य एवं 110 पेज नक्सली पर्चा बरामद किया गया। गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि वह भाकपा माओवादी का सक्रिय सदस्य है और बुढ़ा पहाड़ से बीड़ी पत्ता के ठेकेदारों से लेवी वसूलने, पार्टी के संगठन को मजबुत करने, नये सदस्य बनाने के लिए युवाओं को संगठन से जोड़ने तथा उपचार हेतु दवाई लेकर पहाड़ी तथा जंगली क्षेत्रों में जाने का काम करता है।

इस मामले में देव पुलिस ने भादवि की धारा-385, 387, 13, 16, 17, 18बी एवं 20 यूएपीए एक्ट के तहत कांड संख्या-183/22 दर्ज कर गिरफ्तार नक्सली को जेल भेज दिया है। गिरफ्तार नक्सली पर झारखंड के लातेहार जिले के बरवाडीह थाना में भादवि की धारा-25 (1-बी) ए, आर्म्स एक्ट एवं 17 सीएलए एक्ट के तहत कांड संख्या-15/18 एवं लातेहार में भादवि की धारा-147, 148, 149, 353, 307, 120बी, 27 आर्म्स एक्ट, 10, 13 यूएपीए एक्ट एवं 17 सीएलए एक्ट के तहत कांड संख्या-38/22 पहले से ही दर्ज था। दोनो ही मामलों में झारखंड पुलिस उसकी सरगर्मी से तलाश कर रही थी।