जदयू की समीक्षा बैठक में उभरी यह बात
औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। जदयू ने औरंगाबाद जिले की सभी छः विधानसभा सीटों पर एनडीए की हुई हार का ठीकरा गठबंधन के घटक दलों में समन्वय की कमी पर फोड़ा है। पार्टी फोरम के अंदर औरंगाबाद के भाजपा सांसद सुशील कुमार सिंह के चुनाव के दौरान अलग तरह के रवैयें की भी चर्चा हुई है लेकिन अधिकारिक तौर पर पार्टी की जिला कमिटी ने इसे स्वीकार नही किया है।
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जदयू के जिला महासचिव सुरजीत कुमार सिंह ने पूछे जाने पर बताया कि शनिवार को पार्टी की जिला कमिटी की संपन्न बैठक में जिलें में सभी सीटों पर एनडीए के हार के कारणों की समीक्षा की गई। गोह और औरंगाबाद की सीट के भाजपा के और कुटुम्बा की सीट हमसे के खातें में होने के कारण पार्टी ने इन तीनों सीटों पर हार के कारणों पर सरसरी तौर पर चर्चा हुई लेकिन इन दलों का अंदरुनी मामला मानते हुए गहराई में जाने से परहेज किया गया।
जदयू की रफीगंज, नबीनगर और ओबरा की सीट पर हार के कारणों पर गंभीरता से चर्चा हुई। चर्चा में सब ने यह माना कि लोजपा का गठबंधन से बाहर होने से थोड़ा नुकसान हुआ। इसकी भरपाई हो सकती थी लेकिन चुनाव के प्रथम चरण के नामांकन के अंतिम दिनों तक उपर से यह संकेत मिलता रहा कि लोजपा गठबंधन से बाहर नही जायेगी। इस वजह से लोजपा के बाहर होने की भरपाई जल्दीबाजी में नही की जा सकी। साथ ही प्रथम चरण में घटक दलों में समन्वय की कमी का भी असर औरंगाबाद में पड़ा। स्थिति यह रही कि प्रथम चरण में एनडीए के घटक दलों ने सिर्फ अपने-अपने दल के उम्मीदवार का प्रचार किया, जिससे थोड़ा ही सही पर नुकसान हुआ।
पार्टी ने माना कि ओबरा में लोजपा के कारण हार हुई लेकिन नबीनगर और रफीगंज में लोजपा के कारण नही बल्कि अन्य कारणों से हार हुई। इन दोनों विस क्षेत्रों में मतदाताओं को प्रलोभन देकर पक्ष में करना सर्वाधिक बड़ा कारण रहा। बैठक में पार्टी के जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार उर्फ गुड्डू सिंह ने पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं में दम भरते हुए कहा कि चुनाव में हार जीत लगी रहती है। आज हारे है तो कल जरुर जीतेंगे। राज्य में हमारे गठबंधन की सरकार है। हमारे नेता नीतीश कुमार मुख्यमंत्री है। इसलिए हार को जीत में बदलने के लिए अब हमे दोगुने जोश के साथ राज्य एवं केंद्र सरकार की लोकोपकारी योजनाओं एवं विकास योजनाओं को जन जन तक पहुंचाकर खुद पर जनता के विश्वास को और बढ़ाना है। आने वाले चुनाव में हमें फिर अपेक्षित सफलता अवश्य मिलेगी। उन्होने कहा कि चुनाव में यदि अपने ही दल के किसी नेता या कार्यकर्ता ने दल विरोधी कार्य किया है, तो सभी प्रखंड अध्यक्ष सबूत के साथ ऐसे लोगों की सूची सौंपे। सूची को शीर्ष नेतृत्व को भेजा जायेगा और कार्रवाई होगी।