वार्ड सदस्य के अधिकारों में कटौती एवं हनन के खिलाफ नौ सूत्री मांगों को लेकर वार्ड सदस्य संघ ने बुधवार को प्रखंड मुख्यालय परिसर में धरना-प्रदर्शन किया और प्रखंड विकास पदाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान बिहार सरकार एवं पदाधिकारीयों के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की गई। वार्ड संघ के प्रखंड अध्यक्ष रौशन कुमार सिंह ने कहा कि बिहार प्रदेश पंचायत वार्ड सदस्य संघ के आह्वाहन पर धरना प्रदर्शन किया गया है। विगत दो वर्षों से पंचायती राज पदाधिकारी एवं पंचायत सचिव द्वारा की गई अनदेखी से वार्ड सदस्य सहित पंचायती राज व्यवस्था के सदस्य के पद पर निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की हकमारी की गई है। इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई हो। अन्य मांगों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वार्ड क्षेत्र में क्रियान्वित प्रत्येक योजना में वार्ड सदस्यों को अनिवार्य रूप से अभिकर्ता बनाया जाए और पंचायती राज अधिनियम की धारा 170 के तहत लोक सेवक घोषित किया जाए। वहीं मुख्यमंत्री पेयजल निश्चय योजना एवं गली-नाली पक्कीकरण के क्रियान्वयन वार्ड स्तर पर किए जाने का नियम बना कर तत्काल वित्तीय अधिकार उपलब्ध कराया जाए। 15वीं वित्त आयोग की राशि प्राप्त होने के सात दिनों के अंदर पंचायत सचिव एवं ग्राम पंचायत के द्वारा चार हजार रुपए वार्ड क्रियान्वयन प्रबंधन समिति के खाता में भेजने का प्रावधान है। जो समय से नहीं भेजा गया जिसके कारण सभी नल जल की आपूर्ति बंद है। बिहार सरकार ने साजिश के तहत नल जल योजना पी.एच.डी. विभाग को हस्तांतरित कर दिया है। जो न्यायोचित नहीं है। हमारी मांग है कि वार्ड सदस्यों को पुनः नल जल का संचालन एवं रख-रखाव का अधिकार दिया जाए। मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल योजना में वार्ड सदस्यों पर प्राथमिक दर्ज की जा रही है जबकि ग्राम पंचायत के मुखिया और पंचायत सचिव के द्वारा ठेकेदार के माध्यम से योजना कराया गया है। इसकी जांच कर दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही होनी चाहिए। मुखिया एवं अधिकारियों की मिलीभगत से ग्राम पंचायतों में फर्जी ग्राम सभा एवं कार्यकारिणी बैठक कर वित्तीय अनियमितता बरती गई है। इस मामले की जांच हो। उन्होंने प्रखंड मुख्यालय पर वार्ड सदस्यों को बैठने के लिए प्रतिनिधि भवन एवं सभागार का निर्माण कराने तथा जनप्रतिनिधियों की समस्या के समाधान के लिए वरीय पदाधिकारियों की नियुक्ति की मांग की है। मनरेगा योजना का शत-प्रतिशत कार्य वार्ड सदस्यों के माध्यम से कराया जाए। वार्ड सदस्यों को प्रति माह पांच सौ रुपए टी.ए. दिया जाता है। जो काफी समय से लंबित है। उस राशि का तत्काल भुगतान करते प्रत्येक माह वार्ड सदस्यों को दस हजार रुपए दिया जाए। सांसद, विधायक एवं विधान परिषद के तर्ज पर पेंशन दिया जाए। प्रधानमंत्री आवास योजना, वृद्धा पेंशन योजना, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, जॉब कार्ड, आधार कार्ड, कन्या विवाह योजना, स्वास्थ्य कार्ड, कबीर अंत्येष्टि योजना आदि कार्य वार्ड सदस्यों की अनुशंसा से किए जाए। इस दौरान वार्ड सदस्यों के स्वास्थ्य बीमा तथा सुरक्षा व्यवस्था की मांग करते हुए आकस्मिक मृत्यु पर दस लाख रुपए का मुआवजा तथा अपराधिक हमला होने पर आश्रितों को 50 लाख रुपए दिए जाने की मांग की गई है।