औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। बिहार के अरररिया के रानीगंज में पत्रकार विमलेश यादव की हत्या से आहत “बनारस वाला ईश्क” के चर्चित लेखक प्रभात बांधुल्य ने कविता के माध्यम से दिवंगत पत्रकार को श्रद्धांजलि दी है।
उन्होने कविता का शीर्षक “राम नाम सत्य” दिया है। कविता पत्रकारिता की नंगी हकीकत को बयां कर रही है।
कविता के बोल यूं है:-
हमने तय किया कि बोलना है, लिखना है सत्य लेकिन कितना।
पूछ देगा कोई जात, बताओगे कोई लेखक, कवि, पत्रकार, फिल्मकार, थिएटर आर्टिस्ट, कार्टूनिस्ट और ऐसे ढ़ेर सारे क्रिएटिव नाम।।
पूछेगा विचार, वाम और दक्षिण से अलग कह दोगे हिंदुस्तान और धर्म न हिंदु न मुसलमान, सेकुलर बता दोगे अपनी पहचान लेकिन मेरे यार कितना असत्य लिखोगे तुम।
लगी आग का सत्य, बुझ चुकी राख का सत्य, रक्त का सत्य, सड़क पर भागती नग्न लड़कियों का सत्य, हवस का सत्य, सत्ता का सत्य, बेरोजगार हताश युवाओं का सत्य, बिहार का सत्य, बंगाल का सत्य, एमपी का सत्य, मणिपुर का सत्य, दिल्ली का सत्य और यदि यह सत्य लिख दोगे तो एक ही सत्य बचेगा “राम नाम सत्य”।।
गौरतलब है कि प्रभात बांधुल्य औरंगाबाद के है। वें एक संवेदनशील लेखक है। उनकी लेखनी में समाज के ज्वलंत मुद्दों की झलक दिखती है। हाल में वें वन साइडेड लवर पटना की पिंकी द्वारा अपने प्यार यानी लेखक को पाने के लिए मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को वैलेंटाइन डे पर चिट्ठी लिखी थी। चिट्टी में पिंकी ने अपने प्यार को पाने के लिए खुद को नौकरी देने की गुजारिश की थी। पिंकी की इस चिट्ठी से उसका पत्र और लेखक प्रभात बांधुल्य दोनों ही बेहद चर्चित हुए थें। हालांकि लेखक ने पिंकी के पिंकी के प्रेम निवेदन को ठुकरा कर उसका दिल तोड़ दिया था लेकिन उसे नौकरी दिलाने के लिए तेजस्वी यादव से मिलने का वचन भी दिया था। बाद में लेखक और पिंकी ने कई चिट्ठियां लिखी थी, जो उस वक्त चर्चित रही थी। बाद में यह बात आई गई हो गयी।