औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। अति नक्सल प्रभावित औरंगाबाद जिले में माओवादियों के खिलाफ चलाये जा रहे विषेष अभियान के तहत केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल(सीआरपीएफ) के एफ-47 बटालियन और मदनपुर पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई में बिहार में नक्सली संगठन के संस्थापकों में शुमार भाकपा माओवादी के पोलित ब्यूरो के सदस्य रहे जगदीश यादव उर्फ जगदीश मास्टर के पौत्र और झारखंड के 25 लाख के ईनामी नक्सली वीरेंद्र यादव उर्फ सौरभ जी उर्फ मरकस जी के भतीजे हार्डकोर माओवादी महाराणा प्रताप रंजन उर्फ राणा रंजन को गिरफ्तार किया है।
पुलिस कप्तान कांतेश कुमार मिश्रा ने बताया कि भाकपा माओवादी के हार्डकोर दस्ते के सदस्य राणा रंजन को गुप्त सूचना पर नक्सलियों की मांद कहे जानेवाले स्थान लंगुराही की ओर जाने दौरान उमगा मंदिर के पास बादम की ओर जाते वक्त गिरफ्तार किया गया। पकड़े गये नक्सली की उम्र मात्र 19 साल 8 माह है और वह कासमा थाना के गम्हरिया गांव का निवासी है। पूछताछ में गिरफ्तार नक्सली ने पुलिस को बताया कि उसके जन्म के पहले से ही उसके परिवार की मजबूत नक्सल पृष्ठभूमि रही है। उसके दादा जगदीश यादव उर्फ जगदीश मास्टर भाकपा माओवादी के पूर्व पोलित ब्यूरो सदस्य है तथा 2011 में गिरफ्तारी से पूर्व आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और बिहार में कई घटनाओं में शामिल रहे है। वर्तमान में जेल से जमानत पर छूटने के बाद अपने घर पर रह रहे है। वे नियमित रूप से अपने मिलने वालों को नक्सल गतिविधियों के बारे में जानकारी देते है। उसके बड़े चाचा वीरेंद्र यादव उर्फ सौरभ जी उर्फ मरकस जी भी संगठन में ओहदेदार है तथा वर्तमान में झारखंड में काम कर रहे है। वीरेंद्र यादव उर्फ सौरभ जी पर झारखंड सरकार ने 25 लाख का इनाम घोषित कर रखा है। महाराणा ने स्वीकार किया कि उसके दादा जगदीश यादव उर्फ जगदीश मास्टर उस पर नक्सली दस्ता में शामिल होने के लिए बार बार दबाव बनाते रहे है। दादा के दबाव में ही वह फरवरी 2021 से ही नक्सली जोनल कमांडर संजीत भुईयां उर्फ सागर जी से संपर्क में है तथा कई बार फोन उससे बात की है तथा लंगुराही जाकर भी मुलाकात किया था। वहां संजीत ने उसे माओवादी संगठन में शामिल होने को कहा। तब वह संगठन में शामिल हो गया। उसी समय से वह पार्टी का काम कर रहा है तथा नये लोगो से संगठन में शामिल होने के लिए बात भी कर रहा है।
संजीत ने उसे निर्देश दिया कि तुम भी सोनदाहा के सुभाष यादव, सुरेन्द्र यादव और गया के बांकेबाजार थाना के मोहराव निवासी वीरेंद्र सिंह भोक्ता के साथ मिलकर पार्टी में सामान पहुंचाने का काम करो। नक्सली जोनल कमांडर संजीत भुईयां उर्फ सागर जी से लंगुराही में पहली बार मिलकर लौटने के बाद उसने नक्सली कमांडर द्वारा दिए गये पर्चे को अपने दादा जगदीश यादव उर्फ जगदीश मास्टर दिया तो दादा ने उसे चार हजार रूपये देते हुए कहा कि किताब खरीदकर पार्टी को पंहुचा देना क्योंकि भाकपा माओवादी के बड़े नेता आने वाले हैं और वें किसी बड़ी योजना को अंजाम देंगे। तुम भी वहीं पर रहना। जब उसने संजीत भुईया द्वारा दिए गए पर्चे के अनुसार किताब वियतनाम का मुक्ति युद्ध, काकोरी से नक्सलबाड़ी, समाजवादी चीन में पूंजीवादी पुर्नस्थापना, दिमागी गुलामी, दस्तक नये समय तथा फिलहाल 75 साल बाद भी खरीदकर अपने दादा जगदीश यादव उर्फ जगदीश मास्टर को लाकर दिया तो उसके दादा ने दस्तक की एक प्रति अपने पास रखकर बाकि अन्य सभी किताब नक्सली कमांडर संजीत भुईया को पहुचने के लिए बोला और 1500 रूपये देते हुए उसके मोबाईल नंबर 7870575958 पर संपर्क करते हुए उमगा मदनपुर के रास्ते लंगुरही जाने हेतु बताया। पुलिस ने गिरफ्तार हार्डकोर नक्सली के पास से कई किताबों-काकोरी से नक्सलबाड़ी 1 नग, वियतनाम का मुक्ति युद्ध 1 नग, दिमागी गुलामी 1 नग, समाजवादी चीन में पूंजीवादी पुर्नस्थापना 1 नग, दस्तक- नये समय की मासिक पत्रिका 4 नग, फिलहाल पचहत्तर साल बाद भी(मासिक पत्रिका) 4 नग, एकहस्त लिखित पर्ची, पुस्तकों और पत्रिकाओं का नाम, जोनल कमांडर संजीत भुईया का मोबाईल नंबर 7870575989 भाकपा (माओवादी) उमगा के रास्ते जाना है, लिखा हुआ पर्चा, ब्लू कलर का एक सैमसंग का कीपैड मोबाईल, एक बीएसएनएल सिम तथा प्लास्टिक के बैग में लपेटकर रखा हुआ 1500 रुपये नगद बरामद किया है। इस मामलें में पुलिस ने मदनपुर थाना में भादवि. की धारा 16, 18, 20, 38, 39 एवं यूएपीए एक्ट-1967 के तहत कांड संख्या-303/21 दर्ज किया है। मामले में कासमा थाना के गम्हरिया निवासी महाराणा प्रताप रंजन उर्फ राणा रंजन, जगदीश यादव उर्फ जगदीश मास्टर, नक्सली जोनल कमांडर संजीत भुईया उर्फ सागर जी, गया जिले के सोनदाहा निवासी सुभाष यादव, सुरेन्द्र यादव, बांकेबाजार थाना के मोहराव निवासी वीरेंद्र सिंह भोक्ता को नामजद आरोपी बनाया गया है।