रामाधार ने फिर खोला MP व अन्य के खिलाफ मोर्चा
अपनी ही सरकार में औरंगाबाद में जमीन और सड़क के मामले में घोटाले की खोली पोल
जांच की रखी मांग, कहा जांच नही होने पर सुप्रीम कोर्ट तक जाने से गुरेज नही
औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। केंद्रीय उर्जा मंत्री राजकुमार सिंह की हाल की जन आर्शीवाद यात्रा के दौरान औरंगाबाद में दो धुर विरोधी नेताओं को एक मंच पर दिखाकर भाजपा में गुटबाजी नही होने के दिये गये संकेत को पलीता लग गया है। पलीता किसी और ने नही बल्कि दोनो नेताओं में ही एक रामाधार सिंह ने लगाया है।
गौरतलब है कि श्री सिंह की गिनती औरंगाबाद में भाजपा की बुनियाद रखने वाले नेताओ में होती है। वे औरंगाबाद से कई बार विधायक और पूर्व में सहकारिता मंत्री भी रह चुके है। पार्टी में उनका कद भी उंचा रहा है लेकिन यहां के सांसद सुशील कुमार से उनकी नाराजगी, खुन्नस और व्यक्तिगत स्तर की दुश्मनी जैसी प्रतिद्वंदिता जगजाहिर है। सुशील सिंह की जदयू से भाजपा में एंट्री और पार्टी टिकट मिलने पर लोकसभा चुनाव लड़ने के दौरान पार्टी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह द्वारा दोनो नेताओं के बीच एका कराने का प्रयास तक व्यर्थ गया है। इस बार केंद्रीय उर्जा मंत्री राजकुमार सिंह की हाल की जन आर्शीवाद यात्रा के दौरान यात्रा के दौरान पार्टी द्वारा दोनो नेताओं को एक मंच पर लाते हुए यह संकेत देने की कोशिश की गई कि दोनो नेताओं में एका हो गया है।
औरंगाबाद की राजनीतिक फिजांओं में इस कथित एका की हवा भी जोरो से उड़ी लेकिन हवा का रूख भांपते हुए रामाधार सिंह ने सोमवार को प्रेसवार्ता करते हुए सांकेतिक रूप में ही सही सब कुछ साफ कर दिया। उन्होने अपने विरोधियों-सांसद सुशील कुमार सिंह, निवर्तमान विधान पार्षद राजन सिंह, औरंगाबाद के कांग्रेस विधायक आनंद शंकर सिंह एवं तीनों के व्यक्तिगत व्यावसायिक गतिविधियों तथा उनके करीबियों का बिना नाम लिए जमकर निशाना साधा। उन्होने किसी का भी नाम लिये बिना कहा कि औरंगाबाद में जमीन की प्रकृति बदलने और सड़क निर्माण की योजनाओं में भारी पैमाने पर गड़बड़ी हुई है। लाखों का घोटाला हुआा है। कहा कि 25 ऐसे प्लॉट है, जहां घोटालेबाजों ने कही 32, तो कही 40 और कही 50 डिसमिल तक गैर मजरुआ जमीन पर अवैध कब्जा कर रखा है। ऐसे ही कारणों से डीएम-एसपी और सिंह कोठी के पीछे के मुहल्ले में रहनेवाले लोग बरसात में जलजमाव का संकट झेल रहे है।
कहा कि एक रिसाॅर्ट, एक फार्मेसी काॅलेज और एक गाड़ी के शोरुम के लिए जमीन की प्रकृति को कृषि से व्यावसायिक करने के मामले में लाखों का घोटाला हुआ है और सरकारी राजस्व को भारी नुकसान पहुंचाया गया है। वही सड़क निर्माण मामले में भी भारी पैमाने पर गड़बडी हुई है। एक ओर से सड़क बनी है तो दूसरी ओर से टूटती गई है। पूर्व मंत्री ने कहा कि 2005 के पहले जिनके पास एक ट्रैक्टर तक नही था, आज बिहार के कोने-कोने में उनकी मशीनें बैठी है। ट्रैक्टर से बालूू की चोरी करनेवालों की संपति की जांच व उनपर कार्रवाई हो। कहा कि मुख्यमंत्री क्षेत्रीय विकास योजना में हजारों चापाकल गाड़ने में भी गड़बड़ियों की जांच हो। भ्रष्ट नेता, ठेकेदार और अधिकारियों की संपति की इओयू से जांच हो। इन गड़बड़ियों की वे जांच कराने की मांग कर रहे है और जांच नही होने पर हाइकोर्ट भी जाएंगे।