पटना(लाइव इंडिया न्यूज18 ब्यूरो)। कांग्रेस कार्यालय सदाकत आश्रम में कन्हैया कुमार, जिग्नेश मेवानी और हार्दिक पटेल का भव्य स्वागत हुआ। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कन्हैया कुमार ने कहा कि जनता की अदालत में जनता के सवालों को लेकर जो चुनाव से पहले और चुनाव के बाद भी खड़ा रहेगा, उसी को जनता चुनेगी। जो लोग चुनाव को समीकरण बना दिए हैं, उससे हम पूछना चाहते हैं कि कोरोना जाति पूछ कर हो रही थी। डेंगू कान में उपनाम पूछकर काटता है। कब तक बुड़बक बनाइगा? बिहार की जनता को पार्टियों से पूछना चाहिए कि बताओ 30 साल में क्या दिए हो ? कश्मीर में गोली दी जा रही है। इलाज के लिए, पढ़ाई, रोजगार के लिए बाहर जाएं और वोट लेने के लिए नेता घर पर आएंगे, बोलिए इनको झाड़ू मारकर भगाना चाहिए कि नहीं।
कहा कि कांग्रेस के शीर्ष नेता रामचरित्र बाबू और कम्युनिस्ट पार्टी के शीर्ष नेता चंद्रशेखर बाबू भी उसी घर में पैदा हुए। हमें विपक्षी एकता का मतलब समझ में आता है। पुरबा-पछिया कुच्छो हो जाए कांग्रेस कभी भाजपा के साथ नहीं जा सकती, दो चार- सिंधिया निकल सकता है। सीना ठोंक कर एक सवाल और करते हैं कि कांग्रेस को छोड़ कौन ऐसी पार्टी है जो भाजपा से गले नहीं मिलाया है। कन्हैया ने दो कविताओं से भी युवाओं में जोश भरा और जैसे गठबंधन में न्याय की बात भी की- ‘दो न्याय अगर तो आधा दो, पर, इसमें भी यदि बाधा हो, तो दे दो केवल पांच ग्राम, रखो अपनी धरती तमाम. हम वहीं खुशी से खाएंगे, परिजन पर असि न उठाएंगे! उन्होंने युवाओं में जोश भरते हुए कहा- ‘उस पथ की पथिक कुशलता क्या , जिस पथ पर बिखरे शूल ना हों।’ ‘उस नाविक की धैर्य परीक्षा क्या, जब धाराएं प्रतिकूल न हों।’
‘बाबू जी की थाती को छाती से लपेट लिया है, बांटने को तैयार नहीं’
राजद का नाम लिए कन्हैया ने कहा कि हार्दिक, जिग्नेश और हमारी कोई पृष्ठभूमि नहीं है। परिवार में हमारा इतिहास नहीं है राजनीति का। हम आम इंसान के बच्चे हैं। प्रश्न यह उठता है कि हम कांग्रेस में क्यों आए हैं। हम गर्व के साथ कहते हैं, जिसके-जिसके पास बाबू जी का थाती है, उसको छाती में लपेट लिया है, कोई बांटने के लिए तैयार नहीं है। एक मात्र नेता राहुल गांधी हैं जो हाथ फैलाकर हमारी जैसी पृष्ठभूमि के लोगों के गले लगाते हैं। हम इसलिए इस पार्टी में आए हैं कि इसमें वह सहिष्णुता है कि आप जय भीम बोल सकते हैं और जय भीम, यह हिंद भी। यह कांग्रेस की खासियत है।
बिहार के बिना देश का इतिहास पूरा नहीं
कन्हैया कुमार ने कहा सिर्फ गुजरात में भाजपा को हराने से काम नहीं चलेगा, जब तक बिहार में भाजपा को नहीं हराओगे तो मुकम्मल लड़ाई नहीं होगी। बिहार की धरती तप की भूमि है। चाणक्य भी पैदा हुआ और जैन भूमि की तपस्या भूमि भी है यह। यह ज्ञान, परिश्रम और तपस्या की भूमि है। एक दशरथ मांझी ने पहाड़ की छाती तोड़कर रास्ता बना दिया। यही बिहारी होने का मतलब होता है। मैं गुजरात के दोस्तों को कहना चाहता हूं कि आपके यहां मोहन दास करमचंद गांधी पैदा हुए थे। लेकिन वे जब बिहार की भूमि पर आए तो हमने उन्हें महात्मा बना दिया। आप कोई दौर उठा कर देख लीजिए, बिहार के बिना देश का इतिहास पूरा नहीं होता।
कांग्रेस पार्टी ने बिहार को बिहार बनाया
उन्होंने कहा कि कल श्रीबाबू की जयंती थी। उन्होंने सबसे ज्यादा दिनों तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड बनाया था। वे जो काम करके चले गए उनके काम का रिकॉर्ड टूट नहीं पाया। लोग पूछते हैं बिहार को कांग्रेस पार्टी ने क्या दिया, तो मैं कहता हूं बिहार को बिहार कांग्रेस पार्टी ने बनाया।
बिहारी होने का मतलब गाली नहीं
आज अशफाकउल्लाह खां का जन्मदिन है। बिस्मिल से उनकी दोस्ती प्रसिद्ध है। अशफाक ने कहा राम प्रसाद बिस्मिल से कहा कि हमारे यहां पुनर्जन्म नहीं होता, लेकिन मैं जन्नत जाऊं तो अल्लाह से कहूंगा कि मुझे एक बार भारत फिर से भेज दें। आज एकता को छिन्न-भिन्न किया जा रहा है। कहा कि लोग कहते हैं कि बिहारी बड़े मेहनती होते हैं और फिर गाली और गोली भी देते हैं। मैं बिहार की जनता से कहना चाहता हूं कि बिहार के इतिहास का पुनर्जागरण हमको करना पड़ेगा। बिहारी होने का मतलब गाली नहीं, गौरव है, इसकी स्थापित करना होगा। यही आज की हमारी लड़ाई है।
मान सम्मान की लड़ाई कांग्रेस लड़ेगी
कहा कि हमसे लोगों ने कहा कि कैसे होगा ये। जो पार्टी इस देश को आजादी दिलाई है वही देश की आजादी को बचा भी सकती है। जात और धर्म के नाम पर समाज का बंटवारा आम जनता के हक को छीनने की साजिश है। सामाजिक न्याय के साथ सामाजिक एकता की भी जरूरत है। बिहार के लोग मंदिर या मस्जिद जाते हों चाहे वे बिहार के बाहर रहते हों या बिहार में रहते हों उनके मान सम्मान की लड़ाई कांग्रेस पार्टी लड़ेगी।
लोकतंत्र के प्रति आपकी चिंता है और अगर आपको लगता है कि देश झूठों के हाथ चला गया है तो आइए हमारे हाथ मिलाइए और मिलकर इसके खिलाफ लड़ा जाए।आइए हमारे साथ मिलकर हम लड़ाई लड़ें। कोई इफ-बट नहीं। बिल्कुल सीधी बात है। जो भाजपा से लड़ना चाहते हैं वे कांग्रेस के साथ होंगे, बाकी कौन कोन….करेंगे।
भक्त चरण दास पर बोलने से पहले सोच लीजिए
उन्होंने कहा कि एक पढ़ा-लिखा नेता लठैत की भाषा बोलता है। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी भक्त चरण दास के बारे में बोलता है। अगर ये नहीं होते जो हमारे जैसे और जिग्नेश जैसे लोग कांग्रेस में नहीं होते। जो प्रवक्ता भक्त चरण दास के बारे में बोल रहे हैं वे अपने आका से पूछ लीजिएगा कि भक्त चरण दास कौन हैं? चंद्रशेखर की सरकार में मंत्री रहे हैं। किसी के लिए कुर्सी-कुर्सी बड़ी चीज होगी। भारत त्याग-तपस्या से चल रही है इसपर भरोसा रखिए। सब के वोट का मान बराबर है पर वोटों को लोगों ने गुणा-गणित में फंसा दिया है। हमको बिहार के मुस्तकबिल के बारे में सोचना पड़ेगा।
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