कन्हैया कुमार की सहरसा यात्रा : मंदिर दर्शन के बाद गंगाजल से धोया गया मंदिर, विरोध तेज

सहरसा : कांग्रेस के युवा नेता कन्हैया कुमार इन दिनों बिहार में अपनी ‘पलायन रोको नौकरी दो’ यात्रा को लेकर चर्चा में हैं। इस यात्रा के जरिए वह नीतीश सरकार पर पलायन और बेरोजगारी के मुद्दे को लेकर हमला बोल रहे हैं। हालांकि, जहां उन्हें समर्थन मिल रहा है, वहीं उनका विरोध भी शुरू हो गया है। ताजा मामला सहरसा जिले का है, जहां कन्हैया के मंदिर दर्शन के बाद स्थानीय युवाओं ने मंदिर को गंगाजल से धोया।

Kanhaiya kumar in bangaw saharsa

मंदिर में कार्यक्रम के बाद शुरू हुआ विवाद

मंगलवार को कन्हैया कुमार सहरसा के वनगांव स्थित भगवती स्थान दुर्गा मंदिर पहुंचे थे। यहां उन्होंने एक नुक्कड़ सभा को संबोधित किया, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। लेकिन उनके जाने के बाद कुछ स्थानीय युवाओं ने इसका विरोध शुरू कर दिया। बुधवार को इन युवाओं ने न सिर्फ सभा स्थल को, बल्कि पूरे मंदिर प्रांगण को गंगाजल से धोकर ‘शुद्धिकरण’ करने का दावा किया।

Bangaw saharsa
बनगांव में मंदिर को धोते कन्हैया कुमार का विरोध करने वाले युवा

विरोध की वजह क्या?

विरोध का नेतृत्व कर रहे नगर पंचायत वनगांव के वार्ड पार्षद प्रतिनिधि अमित चौधरी ने कहा, “कन्हैया कुमार पर देशद्रोह का आरोप है, जो अभी तक हटा नहीं है। इसके अलावा, वह देश और हिंदू धर्म के खिलाफ विवादित बयान देते रहे हैं। ऐसे व्यक्ति को हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। इसलिए जहां-जहां वह गया, उन जगहों को गंगाजल से साफ किया जा रहा है।” अमित ने आगे कहा कि कन्हैया का विरोध आगे भी जारी रहेगा।

Kanhaiya kumar in bangaw saharsa
सहरसा के बनगांव मंदिर परिसर में कन्हैया को मिथिला पाग और प्रतीक चिन्ह से सम्मानित करते स्थानीय लोग।

‘पलायन रोको नौकरी दो’ यात्रा की शुरुआत

कन्हैया कुमार की यह यात्रा 16 मार्च को पश्चिम चंपारण के भीतिहरवा गांधी आश्रम से शुरू हुई थी। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस इस यात्रा के जरिए राज्य में अपनी मौजूदगी मजबूत करने की कोशिश कर रही है। कन्हैया के साथ बिहार कांग्रेस के बड़े नेता जैसे प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावरु, प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार राम और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह भी शामिल हैं। एनएसयूआई और आईवीसी के कार्यकर्ता भी इस अभियान का हिस्सा बने हुए हैं।

लोगों का समर्थन, लेकिन बढ़ता विरोध

कन्हैया कुमार को अपनी सभाओं में अच्छी-खासी भीड़ मिल रही है। उनकी यात्रा का मकसद बिहार में पलायन और बेरोजगारी जैसे ज्वलंत मुद्दों को उठाना है। लेकिन सहरसा में हुए इस विरोध ने साफ कर दिया है कि उनकी राह आसान नहीं होगी। मंदिर को गंगाजल से धोने की घटना ने इस यात्रा को एक नया विवादास्पद मोड़ दे दिया है।

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