कलम के पुजारी अधिवक्ताओं टीम ने हाथों में उठाया झाड़ू, शहर में चलाया स्वच्छता जागरूकता अभियान, की महापुरूषों के स्मारक की साफ-सफाई

औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। जिला विधिक संघ के बैनर तले शनिवार को यहां के अधिवक्ता हाथों में कलम के बजाय झाड़ू लिए सड़क पर उतरे।

अधिवक्ताओं ने शहर में स्वच्छता जागरूकता अभियान चलाया। अभियान का नेतृत्व संघ के अध्यक्ष रसिक बिहारी सिंह और महासचिव नागेंद्र सिंह ने किया। औरंगाबाद के इतिहास में यह पहला मौका है, जब अधिवक्ताओं का समूह सड़क पर उतरा है। इसके पीछे माकूल वजह भी है। वजह यह कि औरंगाबाद नगर परिषद के सफाई कर्मी हड़ताल पर है। हड़ताल के कारण शहर की साफ-सफाई बंद है। हालांकि अधिवक्ताओं ने यह अभियान पटना हाइकोर्ट के न्यायाधीश सह औरंगाबाद के इंस्पेक्टिंग जज न्यायमूर्ति राजीव राय द्वारा दिये गये स्वच्छता संबंधी मार्गदर्शन के आलोक में चलाया लेकिन सफाई कर्मियों की ह्ड़ताल भी इसमें एक वजह के रूप में अनजाने में ही जुड़ गयी।

संघ के अध्यक्ष ने कहा कि निरीक्षी जज के पहल पर औरंगाबाद व्यवहार न्यायालय परिसर का रंग रोगन हुआ है। परिसर बेहद सुंदर हो गया है। परिसर में नियमित साफ सफाई हो रही है। इसका श्रेय निरीक्षी जज और जिला जज को जाता है। उन्हीं के मार्गदर्शन में संघ ने यह पहल की है। संघ का प्रयास रहेगा कि औरंगाबाद शहर हमेशा सुंदर दिखे और महापुरुषों की प्रतिमा के पास नियमित साफ सफाई हो। इसी उदेश्य को लेकर वे हाथों में झाड़ू लिए सड़क पर उतरे और स्वच्छता अभियान चलाया। इस दौरान अधिक्ताओं ने अनुग्रह नारायण सिंह, सरदार बल्लभ भाई पटेल, सत्येंद्र नारायण सिंहा एवं पूर्व सांसद रमेश प्रसाद सिंह की प्रतिमा के पास साफ़-सफाई की। अधिक्ताओं ने जन प्रतिनिधियों और प्रशासन से आग्रह किया कि जिले को सुंदर बनाये रखने के लिए नियमित प्रयास करते रहे। हम अधिवक्ता और समाज के आम नागरिक यथासंभव सहयोग करने के लिए तैयार रहेंगे। संघ के अध्यक्ष और महासचिव ने कहा कि हम कलम के सिपाही साफ़-सफाई के लिए झाड़ू भी उठा सकते हैं। इसमें हमारे समाज को कोई संकोच नहीं है। कहा कि महात्मा गांधी भी साफ-सफाई की नियमितता को प्राथमिकता देते थे। प्रधानमंत्री भी स्वच्छता जागरूकता अभियान को स्वस्थ जीवन के लिए आवश्यक बताते है। यह शहर हमारा है, शहर सुंदर दिखे, यह हम सबका दायित्व है।स्वच्छता अभियान में संघ के मीडिया प्रभारी सतीश कुमार स्नेही, रामकिशोर सिंह, रंजीत शर्मा, संत सिंह, प्रमोद कुमार सिंह, अनील कुमार सिंह, संजय कुमार सिंह, रामनरेश प्रसाद, जगनरायण सिंह, अनुग्रह सिंह, ओमप्रकाश सिंह, सत्येंद्र प्रसाद, सीताराम शर्मा एवं सुनील कुमार सिंह आदि अधिवक्ता शामिल रहे।