औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। किशोर न्याय परिषद, औरंगाबाद के प्रधान दंडाधिकारी मनीष कुमार पांडेय ने गुरुवार को बारूण थाना कांड संख्या 226/10 में सुनवाई करते हुए थानाध्यक्ष कमलेश पासवान और बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी योगेंद्र पासवान का वेतन रोकने का आदेश पुलिस अधीक्षक और कोषागार पदाधिकारी को दिया है।
अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि प्राथमिकी 24 सितम्बर 2010 को दर्ज है। छोटे और गंभीर अपराध की स्थिति में प्राथमिकी के दो माह के भीतर केस डायरी और आरोप पत्र दाखिल करना चाहिए लेकिन घटना के 12 साल बाद भी परिषद को इसे उपलब्ध नहीं कराना घोर लापरवाही और कर्त्तव्यहीनता का घोतक है। इसीलिए तत्काल प्रभाव से इनका वेतन रोका जाए।
वहीं एक दूसरे मामले में बारूण थाना कांड संख्या 200/10 में थानाध्यक्ष और बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी को शोकॉज किया गया है। मामले में प्राथमिकी 19 अगस्त 2010 को दर्ज है लेकिन किशोर न्याय परिषद के वाद रेकर्ड में आज तक कांड दैनिकी और आरोप पत्र उपलब्ध नहीं है। इससे न्यायिक कार्यवाही लम्बित चली आ रही है। उल्लेखित दस्तावेज की मांग 04 फरवरी 2016, 19 मई 2018 और 17 अगस्त 2022 को की गई थी। आदेश का अनुपालन नहीं होते देख न्यायालय ने स्पष्टीकरण मांगा है कि क्यों नहीं जेजे ऐक्ट के नियम 93 के तहत राज्य सरकार से उचित कार्रवाई करने हेतु मामले को अग्रसारित किया जाए। दोनों अधिकारी उपस्थित होकर स्पष्टीकरण परिषद में समर्पित करे।