औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। किशोर न्याय परिषद, औरंगाबाद के प्रधान दंडाधिकारी मनीष कुमार पांडेय ने गुरूवार को देव थाना कांड संख्या 94/08 में निर्णय पर सुनवाई करते हुए अनूठा फैसला सुनाया है।
विद्वान न्यायाधीश ने मामले के एकमात्र आरोपी किशोर को किशोर न्याय अधिनियम की धारा में दोषी पाते हुए विश्वप्रसिद्ध सौर तीर्थ स्थल देव स्थित त्रेतायुगीन सूर्य मंदिर में दो माह सामुदायिक सेवा देने का ऐतिहासिक फैसला सुनाया। अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि मामले में प्राथमिकी 14 साल पूर्व दर्ज की गई थी।
प्राथमिकी में किशोर 20 दिनो तक कस्टडी में रहा था। इसी मामले में निर्णय की कॉपी किशोर को दी गई, जिसका ससमय पालन कर रिपोर्ट किशोर न्याय परिषद में पेश करनी है। निर्णय का अनुपालन नही होने पर न्यायालय अन्य आदेश दे सकती है। किशोर पर 20 अक्टूबर 2008 को भादंसं की धारा 448, 323, 341, 307, 379, 34 में प्राथमिकी का सारांश सुनाया गया था। मामले के अन्य अभियुक्तों का ट्रायल व्यवहार न्यायालय में चल रहा था।