जेजे बोर्ड ने किया छः पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को शोकॉज, मामला ससमय रिपोर्ट नही देने का

औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। किशोर न्याय परिषद, औरंगाबाद के न्यायिक दंडाधिकारी मनीष कुमार पांडेय की अदालत ने शुक्रवार को दो मामलो में शोकॉज किया है।

अदालती सूत्रों ने बताया कि पहला मामला जम्होर थाना कांड संख्या 72/22 का है। इसमें थानाध्यक्ष, अनुसंधानकर्ता, बाल कल्याण पुलिस अधिकारी तीनों को शोकॉज कर जवाब मांगा गया है कि परिषद के समक्ष अभियुक्त को प्रस्तुत करने में हुए विलम्ब का जवाब दे। 24 घंटे के अंदर प्रस्तुत नहीं करने पर किशोर न्याय परिषद ने भी 24 घंटे समय दिया था। कोर्ट ने कहा कि इसमें भी विफलता न्यायिक आदेश का अवहेलना प्रतीत होता है। अगली जवाब दाखिल करें।

वही अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि दूसरा केस दाउदनगर थाना कांड संख्या 47ध्22 का है। इस मामले में दो नाबालिग लड़की का उम्र निर्धारित करना है। तीन माह हो गया, उम्र निर्धारण का कोई प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं किया गया। नियमानुसार 15 दिन में उम्र निर्धारित करना है। 17 फरवरी और 28 फरवरी 2022 को भी पत्राचार किया गया किन्तु कोई फायदा नहीं हुआ। कोर्ट ने पूछा है कि किन परिस्थितियों में न्यायिक आदेश का अनुपालन नहीं हो रहा है। अभी तक न्यायालय में कोई प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं किया गया है। अधिवक्ता ने बताया कि जुबेनाइल ऐक्ट के उल्लंघन पर इन पर आज शोकॉज हुआ है।उतर रक्षा गृह पटना की अधीक्षिका, सिविल सर्जन, पटना एवं मेडिकल बोर्ड में शामिल डाक्टर सभी से न्यायालय में अगली तिथि जवाब और प्रतिवेदन प्रस्तुत करने को कहा गया है।