औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। किशोर न्याय परिषद(जेजे बोर्ड), औरंगाबाद ने यहां के जिला शिक्षा पदाधिकारी के वेतन को रोकने का आदेश दिया।
अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि परिषद के प्रधान दंडाधिकारी मनीष कुमार पांडेय ने बुधवार को खुदवां थाना कांड संख्या 39/12 और ट्रायल संख्या 861/21 में सुनवाई करते हुए जिला पदाधिकारी और कोषागार पदाधिकारी को आदेश दिया कि तत्काल प्रभाव से जिला शिक्षा पदाधिकारी का वेतन रोका जाए।
अधिवक्ता ने बताया कि किशोर के अंक प्रमाण पत्र की छायाप्रति में जन्म तिथि के सत्यता की जांच सात दिनों के अंदर कर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का आदेश 24 फरवरी को किशोर न्याय परिषद ने दिया था लेकिन आजतक जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं किया गया। विद्वान न्यायाधीश ने मामले को गंभीरता से लेते हुए इसे जिले के एक प्रधान अधिकारी की गंभीर लापरवाही मानते हुए यह बड़ा निर्णय लिया क्योंकि वाद 10 साल पुराना है।