मुख्यमंत्री से संवाद कर गदगद हुई जीविका दीदियां, उत्साह हुआ चौगुना

औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने औरंगाबाद में जीविका दीदियों के साथ संवाद कार्यक्रम में शामिल होने के बाद पुलिस केंद्र में ही जीविका एवं अन्य विभागों द्वारा लगाए गये फोटो गैलरी एवं स्टॉल का अवलोकन किया। इस अवसर पर जीविका दीदियों ने स्वागत गान गाकर मुख्यमंत्री का स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्ज्वलित कर समाज सुधार अभियान कार्यक्रम का उद्घाटन किया। सर्वप्रथम मंचासीन मद्य निषेध विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने स्वागत भाषण कर समाज सुधार अभियान के तहत संवाद कार्यक्रम की शुरुआत की।

इसके बाद संवाद सभा में जीविका दीदियों ने मुख्यमंत्री के साथ अपना अनुभव साझा किया। जीविका दीदी श्रीकांति देवी एवं कलावती देवी ने अपने जीविका समूह से जुड़ने की कहानी सुनाई कि कैसे सतत जीविकोपार्जन योजना के तहत उन्हें लाभ मिला। जिसके कारण अपने बच्चों को पढ़ाया लिखाया एवं जरूरतों को पूरा किया एवं बिहार सरकार को धन्यवाद किया। जीविका दीदी जबीहा खातून ने बताया कि पति की मृत्यु के बाद अंतिम संस्कार के लिए भी पैसे नही थे। किस प्रकार उन्होंने सतत जीविकोपार्जन योजना से जुड़ने, ग्राम संगठन, शौचालय निर्माण, नल जल योजना आदि का लाभ लिया। जीविका दीदी कंचन कुमारी ने भी अपना अनुभव साझा किया। वही गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने बिहार सरकार के शराब बंदी के कानून की सराहना की एवं मद्यपान, दहेज प्रथा एवं बालविवाह जैसे बुराइयों को समाज से मिटाने पर पुलिस एवं प्रशासन की भूमिका पर जोर डाला। पुलिस महानिदेशकएस के सिंघल ने कहा कि महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत का आरक्षण दिया गया है। पुलिस में भारी संख्या में महिला पुलिस पदाधिकारी एवं पुलिस बल में भर्ती होकर शिक्षा का लाभ उठा रही हैं। उन्होंने यहां पर उपस्थित सभी जीविका दीदियों से आग्रह किया कि विकसित एवं शिक्षित समाज बनाने में अपनी सकारात्मक भूमिका दें। मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने कहा कि इसमें संदेह नहीं है कि शराब, दहेज एवं बाल विवाह एक सामाजिक बुराई है। जीविका दीदियों से आग्रह है कि इन बुराइयों को जड़ से मिटाने में प्रशासन को सहयोग करें। आपके द्वारा आर्थिक मोर्चे पर किए गए कार्य प्रशंसनीय है परंतु समाज को सुधारने में भी आप की अत्यंत आवश्यकता है। अवैध रूप से शराब बेचे जाने की जानकारी मिलने पर मध्यनिषेध विभाग के टॉल फ्री नंबर पर कॉल कर तुरंत सूचित करें। अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण विभाग के मंत्री संतोष कुमार सुमन ने कहा कि समाज में शिक्षा की कमी के कारण बाल विवाह एवं दहेज प्रथा का चलन होता है। उन्होंने कहा कि नशाखोरी समाज की सबसे बड़ी बुराई है एवं इसे पूरी तरह खत्म करना बहुत जरूरी है। कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि यह हम सभी का सौभाग्य है कि मुख्यमंत्री के पहल पर 2016 में इस कानून को बनाया गया एवं शराबबंदी के विरुद्ध जन जागृति हो इसपर भी जोरों पर कार्य कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने मजबूती के साथ शराब के विरुद्ध इस संकल्प को आगे बढ़ाया एवं आज बहुसंख्यक के द्वारा इसका समर्थन किया जा रहा है। उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि वर्ष 2005 में जब आप न्याय यात्रा पर निकले थे, तब मैंने आपके कदम से कदम मिलाकर साथ दिया एवं आगे भी देता रहूंगा। मुख्यमंत्री ने महात्मा गांधी के पथ पर चलते हुए शराब बंदी का कार्य किया जो काफी सराहनीय एवं बड़ा अभियान है। उन्होंने नीतीश सरकार के नैतिकता के साथ विकास के कार्य को सराहा। खान एवं भूतत्व विभाग के मंत्री सह औरंगाबाद के प्रभारी मंत्री जनक राम ने मुख्यमंत्री की समाज सुधार के लिए दृढ़ इच्छा शक्ति की सराहना की। उन्होंने मुख्यमंत्री द्वारा समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक विकास को पहुंचाने के लिए धन्यवाद दिया। मद्य निषेध विभाग के मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि जबसे सूबे की जनता ने मुख्यमंत्री को चुना है, तब से बिहार की दिशा बदल गई है। आज काफी बदलाव है, अमन एवं चैन है। उन्होंने कहा कि समाज की प्रगति तभी होगी जब विकास होने के साथ साथ सामाजिक कुरीति भी मिटेगी। इसके बाद मुख्यमंत्री ने जल जीवन हरियाली अभियान के तृतीय संस्करण की पुस्तक का विमोचन किया। इसके अतिरिक्त मद्य निषेध विभाग द्वारा प्रकाशित परिवादों की पुस्तिका का विमोचन किया। इसके बाद कृषि कल्याण अभियान के तहत औरंगाबाद में कृषि यंत्र बैंक की स्थापना हेतु जीविका दीदियों को चाभी हस्तांतरित किया।

मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि न्याय के साथ विकास का कार्य जब शुरू हुआ था। तब उससे पहले ये हालत थी कि शाम होने के बाद कोई घर से निकलने की हिम्मत नही करता था। परंतु आज कानून का शासन है। अमन एवं चैन है। सभी जगह सड़कें बन गई हैं, लोगों को दूरदराज में कहीं भी जाने के लिए सोचना नहीं पड़ता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री बालिका पोशाक योजना एवं मुख्यमंत्री साइकिल योजना के तहत बालिकाओं को काफी फायदा मिला। वर्ष 2006 में जब जीविका की शुरुआत हुई तब 10 लाख लोगों को स्वयं सहायता समूह से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया था। आज हमारा सौभाग्य है कि बिहार में 01 करोड़ से भी ज्यादा लोग स्वयं सहायता समूह से जुड़े हुए हैं, उसे हमने ‘जीविका‘ नाम दिया है। उन्होंने कहा कि शराब इंसान को अंदर से खा जाता है। यदि इसका निरंतर अभियान नही चलेगा जो इसका समाज पर काफी बुरा असर होगा। जहरीली शराब से कई लोगों की पूर्व में मृत्यु हुई है। उन्होंने बापू की बात याद दिलाई कि शराब आदमी से न सिर्फ उसका पैसा छीन लेता है बल्कि उनकी बुद्धि भी हर लेता है और शराब पीने वाला इंसान हैवान हो जाता है। बापू के इस पहल को हमें आगे बढ़ाना चाहिए। शराब पीने से 20 साल से 39 साल में 13.5 प्रतिशत लोगों की मृत्यु हो जाती है। शराब पीने से मानव शरीर में 200 प्रकार की बीमारियां आती हैं। शराब बंदी लागू करने के बाद सड़क दुर्घटना में भी काफी कमी आई। बापू द्वारा दिए गए शराब बंदी के इस संदेश को जन जन तक पहुंचाना है। बाल विवाह वाले लोगों के बच्चे एवं बच्चियों को कई तरह की बीमारियों का शिकार होना पड़ता है। इसका भी निश्चित रूप से अभियान चलाना चाहिए। शादी के कार्ड में दहेज नहीं लेने का संदेश छपा होना चाहिए। शराबबंदी के संदर्भ में उन्होंने कहा कि मद्य निषेध विभाग द्वारा टॉल फ्री नंबर जारी किया गया है। किसी भी प्रकार की जानकारी प्राप्त होने पर इस टोल फ्री नंबर पर कॉल कर आप इसकी सूचना दें। हर चेक पोस्ट पर 24 घंटे अभियान चलाया जाय। चुलाई शराब के अड्डों पर लगातार छापेमारी की जाए। आप सबसे अपील है कि बाल विवाह एवं दहेज के खिलाफ आप खड़े हो। इसके कारण लड़कियों को काफी संकट झेलना पड़ता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड के केसेस देश के साथ साथ हमारे राज्य में भी बढ़ रहे हैं। पटना और गया में भी केसेस बढ़ रहे हैं। हम लगातार जांच करवा रहे हैं। सरकार के द्वारा जो भी सलाह दी जाती है, आप उसका पालन करें। रोज हमलोग लगभग पौने 02 लाख जांच करा रहे हैं। कोविड के ओमिक्रॉन वैरिएंट के जांच का इंतजाम भी पटना में कराया जाएगा। हम सभी को कोविड के संक्रमण से बचने के लिए जागरूक रहना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास का काम हम निरंतर करते रहे हैं परंतु विकास तभी लाभदायक होगा जब समाज सुधार होगा। समाज में प्रेम एवं भाई चारे का संदेश दीजिए एवं एक दूसरे का सम्मान कीजिए।