एनटीपीसी एरिया में सघन रूप से चला सर्वजन दवा सेवन अभियान, मंडल कारा में भी बंदियों को दी गई फाइलेरिया रोधी दवा

औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। औरंगाबाद जिले में फाइलेरिया की रोकथाम को लेकर सर्वजन दवा सेवन अभियान सघन रूप से चलाई जा रही है। इसी क्रम में शनिवार को नबीनगर प्रखंड के एनटीपीसी एरिया के निवासियों को फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन कराया गया। क्षेत्र में स्वास्थ्यकर्मियों तथा आशा कार्यकर्ताओं ओं की 11 टीमों द्वारा दवा का सेवन कराया गया। वहीं दूसरी सहयोगी संस्थाएं केयर इंडिया व पीसीआई कर्मियों द्वारा दवा सेवन को लेकर लोगों को जागरूक किया गया। फाइलेरिया संक्रमण के लक्षण, रोग से सुरक्षा तथा इससे होने वाले हाथीपांव तथा हाइड्रोसिल व स्तन में सूजन आदि की जानकारी विस्तार से दी जा रही है।


एनटीपीसी एरिया में सघन रूप से चला अभियान-

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. कुमार महेंद्र प्रताप ने बताया कि शनिवार को नबीनगर प्रखंड के नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन क्षेत्र के गांवों में बसे लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन कराया गया है जिसमें इस बार आइवरमेक्टिन भी शामिल है। स्वास्थ्यकर्मी तथा आशा की 11 टीमों की मदद से इस क्षेत्र में सघन रूप से सर्वजन दवा सेवन अभियान चला कर दवा खिलाने का काम किया गया है। इस टीम का नेतृत्व तथा सुपरविजन केयर इंडिया की प्रियंका ने किया। साथ ही फाइलेरिया के मरीजों को चिन्हित करने का काम भी किया जा रहा है। हाइड्रोसील या हाथीपांव से पीड़ित मरीजों की पहचान करते हुए उन्हें अपनी देखभाल संबंधी परामर्श भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिया जायेगा। यदि कोई व्यक्ति हाथीपांव से पीड़ित है, तो अपने पैर की देखभाल के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या अपने क्षेत्र के आशा की मदद ले सकता है।

मंडल कारा में बंदियों को भी खिलायी गयी दवा-

उन्होंने बताया कि फाइलेरिया की रोकथाम के लिए जिला के कारागार में बंद कैदियों सहित वहां के स्टाफ को भी दवा सेवन कराने का काम किया गया है। शुक्रवार को विशेष रूप से मंडल कारा में बंद कैदियों को कारागार अधीक्षक तथा कारा चिकित्सक की मौजूदगी में फाइलेरिया रोधी दवा दी गयी। कारागार में एक हजार कैदियों को दवा सेवन का लक्ष्य रखा गया है। बताया कि जेल अधीक्षक एसके झा, जेल चिकित्सक डॉ. आरएस गुप्ता, विश्व स्वास्थ्य संगठन से डॉ. अरुण कुमार, स्वास्थ्य विभाग से स्वयं उनके और हर्षवर्धन आदि की निगरानी में दवा सेवन कराने का काम किया गया है।